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20 नवंबर 2010

झारखंड समाचार

मैट्रिक, इंटर परीक्षाएं अब पांच अप्रैल से
झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने मैट्रिक व इंटर परीक्षाएं की तिथि में एक बार फिर बदलाव किया है. परीक्षा अब पांच अप्रैल से शु होगी. एक दिन पहले 28 मार्च से परीक्षा शुरू होने की बात थी. इस आशय का निर्णय शुक्रवार को जैक पदाधिकारियों की हुई बैठक में लिया गया. मैट्रिक परीक्षाएं अब 23 अप्रैल तक व इंटर की परीक्षाएं 29 अप्रैल तक होंगी. काउंसिल अध्यक्ष लक्ष्मी सिंह ने बताया कि परीक्षा की तिथि में फेरबदल तैयारी को देखते हुए किया गया है. उन्होंने कहा कि नौवीं की परीक्षा 22 मार्च से होगी. परीक्षा का विस्तृत कार्यक्रम शीघ्र जारी कर दिया जायेगा.

टल सकती है जेपीएससी की चौथी पीटी परीक्षा
झारखंड लोक सेवा आयोग की सात से नौ जनवरी 2011 के बीच प्रस्तावित चौथी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) टल सकती है. इसकी वजह परीक्षा नियंत्रक तसनीम अहमद का योगदान नहीं करना है. गुमला से 11 अक्तूबर 2010 को इस पद पर उनका ट्रांसफ़र हुआ था. अब तक उन्होंने योगदान नहीं किया. इस संबंध में सरकार ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा है. जेपीएससी ने भी सरकार को सूचित किया है कि परीक्षा नियंत्रक के नहीं रहने से प्रश्न-पत्र तैयार नहीं हुए हैं.

आयोग के सचिव सहित कई अधिकारियों व कर्मचारियों के पुत्र या रिश्तेदार परीक्षा में शामिल हो रहे हैं. सो इन्होंने परीक्षा कार्य से अपने को अलग रखने का आवेदन आयोग व सरकार को भेजा है. बिना परीक्षा नियंत्रक आगे का कार्य पूरी तरह से ठप है. पीटी के बाद माध्यमिक शिक्षक नियुक्ति परीक्षा भी लेने की योजना है. इसमें भी देरी होने की संभावना है. फोर्थ सिविल सेवा परीक्षा में एक लाख 20 हजार उम्मीदवारों ने फॉर्म भरे हैं. आयोग कुल 219 पदों पर नियुक्ति के लिए पीटी का आयोजन कर रहा है.

इनमें झारखंड प्रशासनिक सेवा के 106 पद, झारखंड आरक्षी सेवा के 64, सूचना सेवा के 20, निबंधन सेवा के पांच व सहकारिता सेवा के 24 पदों पर नियुक्ति शामिल हैं.

रिम्स में 150 व एमजीएम में बढ़ेंगी 50-50 सीटें : सीएस
मुख्य सचिव डॉ एके सिंह ने कहा है कि झारखंड के तीन मेडिकल कॉलेजों में सीट बढ़ाने की प्रक्रिया फरवरी 2011 तक पूरी कर ली जायेगी. इसके बाद मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से बढ़ी सीटों पर दाखिला लेने का अनुरोध भी राज्य सरकार करेगी. संवाददाताओं से बातचीत करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में 150, पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल और महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज में और 50-50 सीटें बढ़ायी जायेंगी.

इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव को अग्रेतर कार्रवाई करने को कहा गया है, ताकि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की औपचारिकताएं पूरी की जा सके. मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में पांच-छह नये मेडिकल कॉलेज भी खुलेंगे. भारतीय इस्पात प्राधिकरण ने बोकारो में 150 सीट का मेडिकल कॉलेज खोलने की सैद्धांतिक सहमति दे दी है. सेल के निदेशक मंडल शीघ्र इस पर अंतिम निर्णय लेगा.

उन्होंने कहा कि सीसीएल ने भी रांची में 350 बेड का मेडिकल कॉलेज और अस्पताल खोलने का प्रस्ताव दिया है. एचइसी ने भी सरकार से रांची में मेडिकल कॉलेज खोलने की बात कही है. उधर, मुख्य सचिव ने कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा निगम के अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज में तब्दील करने पर रिपोर्ट मांगी है. इरबा स्थित अपोलो अस्पताल प्रबंधन ने भी मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगा है. मुख्य सचिव ने सभी कंपनियों से राज्य में मेडिकल कॉलेज खोलने का अनुरोध किया है.

क्षेत्रीय कार्यालयों के अधिकारी, चिकित्सक की उपस्थिति हर महीने ली जायेगी :
राज्य के क्षेत्रीय कार्यालयों, अस्पतालों में अधिकारियों और चिकित्सकों की अनुपस्थिति आज भी सरकार के लिए चिंता का विषय बनी हुई है. मुख्यमंत्री ने आम जनता को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए क्षेत्रीय कार्यालयों में बीडीओ, सीओ, हल्का कर्मचारी और अन्य की उपस्थिति सुनिश्चित कराने का निर्देश संबंधित आयुक्त और उपायुक्तों को दिया है.

जिला अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों के नियमित रूप से उपस्थित रहने के लिए स्वास्थ्य सचिव को कई निर्देश दिये गये हैं. मुख्य सचिव ने मीडिया से कहा कि उन्होंने स्वास्थ्य सचिव को निर्देश दिया है कि वे सभी जिलों के सिविल सर्जन के माध्यम से चिकित्सकों की उपस्थिति और प्रमाण पत्र हरेक महीने उन तक भेजें(प्रभात खबर,रांची,20.11.2010).

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