लोक शिक्षण संचालक ने राजपत्र के खिलाफ नया आदेश जारी किया है, जिससे पदोन्नति परीक्षा उलझती नजर आ रही है। शिक्षाकर्मियों को हेडमास्टर के पद पदस्थ किए जाने की प्रक्रिया को राजपत्र में पदोन्नति कहा गया है, जबकि संचालक ने इसे सीधी भर्ती मानते हुए रोस्टर बनाने के निर्देश दिए हैं।
शिक्षाकर्मियों को प्राइमरी स्कूल हेडमास्टर के पद पर पदस्थ किए जाने के लिए छत्तीसगढ़ शासन ने राजपत्र में नियमों का प्रकाशन किया है। अनुसूची दो के क्रमांक एक में स्पष्ट किया गया है कि प्राथमिक शाला प्रधान पाठक का पद सौ फीसदी पदोन्नति का है। इधर लोक शिक्षण संचालक श्री पिस्दा द्वारा 27 नवंबर को जारी आदेश में इस पद को सीधी भर्ती का बताया गया है।
संचालक ने जिला शिक्षा अधिकारी को सीधी भर्ती के हिसाब से आरक्षणरोस्टर बनाने के भी निर्देश दिए हैं। दैनिक भास्कर ने श्री पिस्दा से बात की तो उन्होंने कोई भी नया आदेश जारी करने से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि न्यायालयीन निर्णय और महाधिवक्ता की सलाह पर जो स्थिति बन रही है, उसकी जानकारी अधिकारियों को दी गई है।
उन्होंने यह भी कहा कि जिन जिलों में परीक्षा पदोन्नति मानकर पूरी कर ली गई है, वहां नए रोस्टर के हिसाब से कमी की पूर्ति भविष्य में की जाएगी। ऐसी स्थिति में जिले के अधिकारी यह नहीं समझ पा रहे हैं कि वे राजपत्र को मानें या फिर संचालक के आदेश को?
दूसरी ओर रायगढ़ जिले में राजपत्र को ही आधार मानते हुए परीक्षा को पदोन्नति माना गया है और चयनित शिक्षाकर्मियों को प्रधान पाठक के पद पर पदस्थापना भी दे दी गई है(दैनिक भास्कर,बिलासपुर,28.11.2010)।
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