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14 दिसंबर 2010

हर वर्ष 150 वैज्ञानिकों को नियुक्ति देगा इसरो

इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) अब हर वर्ष देश में 150 वैज्ञानिकों की नियुक्ति करेगा। इसका पहला बैच इसी वर्ष तिरूवंतपुरम के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी से शुरू किया जा रहा है। इसके लिए अखिल भारतीय स्तर पर प्रवेश परीक्षा से 150 प्रतिभागियों को प्रवेश दिया है।

यह कहना है इसरो के जनसंपर्क निदेशक सतीश धवन का। उदयपुर प्रवास पर आए धवन ने सोमवार को भास्कर से मुलाकात में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संस्थान में देश के जाने माने वैज्ञानिक युवा वैज्ञानिकों को शिक्षण करवाएंगे और किसी से फीस नहीं ली जाएगी।

पढ़ाई के बाद इसरो में जॉब की शत प्रतिशत गारंटी होगी। धवन ने बताया कि इसरो हाल ही में 300 इंजीनियरों को भी नियुक्ति देने जा रहा है।

जीसेट 5पी की उड़ान 20 को


धवन ने बताया कि इसरो द्वारा तैयार जीसेट 5पी कम्यूनिकेशन सैटेलाइट को श्रीहरिकोटा से 20 दिसंबर को छोड़ा जाएगा। 2300 किलो ग्राम वजनी इस सैटेलाइट में 36 ट्रांसकंपाउंड लगे हुए हैं। इस सैटेलाइट का कार्य प्रसारण से जुड़ा रहेगा। 


चंद्रयान द्वितीय देगा विस्तृत जानकारी 

सतीश धवन के मुताबिक 2013 में चंद्रयान द्वितीय को श्रीहरिकोटा से छोड़ा जाना प्रस्तावित है। इसमें कार की आकार का एक इंस्ट्रूमेंट जोड़ा गया है। जो वहां उपलब्ध पानी, उसमें मिले तत्वों के साथ अन्य मिनरल की भी जानकारी देगा। उन्होंने बताया कि यह भारत की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक होगी।

95% सटीक बैठता है पूर्वानुमान

सतीश धवन ने बताया कि इसरो की रिमोट सेंसिंग तकनीक से अब भूगर्भ में संरक्षित जल, कृषि एवं मौसम की सटिक जानकारियां उपलब्ध हो रही हैं। रिमोट सेंसिंग से लगाया गया यह पूर्वानुमान 95 फीसदी तक सटीक बैठता है। 

क्रोप एक्रेज एंड प्रोडक्शन (सीएपीई) यानी फसलों का पूर्वानुमान 17 राज्यों में सटिक बैठा है। इसके अतिरिक्त अब बाढ़ और सूनामी आदि में भी इसके पूर्वानुमान सटीक होने लगे है(दैनिक भास्कर,उदयपुर,14.12.2010)।

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