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07 दिसंबर 2010

बिहारःछपरा इंजीनियरिंग कालेज में सत्र 11-12 से होगी पढ़ाई

बिहार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री गौतम सिंह ने कहा है कि छपरा इंजीनियरिंग कालेज में शीघ्र ही पढ़ाई शुरू हो जाएगी और इसके लिए आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी की जा रही हैं। कोशिश रहेगी कि सत्र 11-12 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू कर दी जाये। उन्होंने कहा कि सूबे में इंजीनियरिंग कालेजों तथा पालीटेक्निक कालेजों की स्थापना बड़े पैमाने पर की जाएगी। इन इंजीनियरिंग कालेजों के लिए एक अलग से तकनीकी विश्वविद्यालय की स्थापना का कार्य शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि निजी निवेशकों को भी शर्तो के साथ सूबे में इंजीनियरिंग और पालीटेक्निक कालेज खोलने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। लेकिन सरकार पढ़ाई की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं करेगी। रविवार को जिले के दाउदपुर बाजार में हुई विशेष भेंट वार्ता के दौरान उन्होंने आगे बताया कि सरकार की मंशा हर जिले में पालीटेक्निक कालेज खोलने की है और इसके लिए 13 जिलों में स्वीकृति भी मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान तकनीकी पढ़ाइयों पर विशेष रूप से होगा और आने वाले दिनों में सूबे के विद्यार्थियों को तकनीकी पढ़ाई के लिए राज्य से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि तकनीकी की पढ़ाई के लिए शिक्षकों की कांट्रैक्ट स्तर पर बहाली की जाएगी। अभी लगभग एक हजार करोड़ रुपया बिहार के बच्चों के द्वारा इंजीनियरिंग की पढ़ाई में प्रतिवर्ष सूबे के बाहर व्यय किया जा रहा है। सरकार का प्रयास होगा कि सूबे के विद्यार्थी सूबे के अंदर ही इंजीनियरिंग की पढ़ाई करेंगे और पढ़कर बिहार के लड़के बाहर न केवल बिहार का नाम रोशन करेंगेबल्कि इससे बिहार के बच्चों का मनी ट्रांसफर भी रूक जाएगा। उन्होंने कहा कि तकनीकी परीक्षा के लिए सरकार होम सेंटर की व्यवस्था समाप्त कर रही है और अब विद्यार्थियों के लिए बिना पढ़े इंजीनियरिंग और पालीटेक्निक की परीक्षा पास करना स्वप्न मात्र रह जाएगा। उन्होंने कहा कि पढ़ाई करके ही इंजीनियरिंग और पालीटेक्निक की परीक्षा की लक्ष्मण रेखा पार किया जा सकेगा। बिहार के सभी प्राइवेट इंजीनियरिंग कालेज भी एसीटीईआई से एप्रुव्ड होंगे और सिलेबस भी बाहर के इंजीनियरिंग कालेजों के समान ही होगा। सरकार द्वारा विभाग की प्राथमिकताओं को तय कर रोड मैप बनाया जा रहा है और आने वाले दिनों में उसी रोड मैप के आधार पर इस विभाग में विकास का काम किया जाएगा। उन्होंने आशा जतायी कि अगले पांच सालों में इंजीनियरिंग और पालीटेक्निक की पढ़ाई के लिए बिहार का नाम भी विकसित राज्यों की श्रेणी में शुमार होगा(दैनिक जागरण,छपरा,7.12.2010)।

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