लखनऊ विश्वविद्यालय में नकल के भरोसे परीक्षा की वैतरणी पार करने की कोशिश ४०० से अधिक परीक्षार्थियों पर भारी पड़ गई है। अनफेयर मीन्स (यूएफएम) कमेटी ने ऐसे परीक्षार्थियों के परिणाम निरस्त कर दिए हैं। इसके साथ ही ९ परीक्षार्थियों की पूरी परीक्षा निरस्त करके उन्हें हमेशा के लिए संस्थान से निष्कासित कर दिया गया है। १२ परीक्षार्थी बरी कर दिए गए हैं।
जानकारी के अनुसार, वर्ष २०१० के विभिन्न पाठ्यक्रमों की परीक्षाओं के दौरान नकल के आरोप में ४४० परीक्षार्थी पकड़े गए थे। इनकी जांच के लिए यूएफएम कमेटी बनाई गई थी। कमेटी ने बीए, बीएससी, बीकॉम, बीपीएड, बीएड, लॉ, पीजी, डिप्लोमा एवं मैनेजमेंट कोर्सों के विभिन्न कक्षाओं की परीक्षा देने वाले ४०४ परीक्षार्थियों की उस विषय की परीक्षा निरस्त कर दी है, जिसमें नकल करते पकड़े गए थे। बीए, बीएससी एवं लॉ के ९ परीक्षार्थियों के ऊपर नकल करने के साथ ही परीक्षकों को धमकाने और अभद्रता जैसे आरोप भी थे। ऐसे परीक्षार्थियों पूरी परीक्षा निरस्त करके उन्हें संबंधित महाविद्यालय या विश्वविद्यालय से निष्कासित कर दिया गया है। छह परीक्षार्थियों की पूरी परीक्षा निरस्त करके उन्हें एक वर्ष के लिए डिबार किया गया है। परीक्षा नियंत्रक प्रो. यशवीर त्यागी ने बताया कि बीएड के एक, बीएससी के तीन, बीकॉम के सात तथा एमबीए के एक परीक्षार्थी को निर्दोष पाया गया और उन्हें नकल के आरोप से मुक्त कर दिया गया है(अमर उजाला,लखनऊ,25.12.2010)।
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