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30 दिसंबर 2010

प्रारंभिक शिक्षक के लिए होगी पात्रता परीक्षा

शिक्षा का अधिकार कानून में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रावधान कर चुकी सरकार योग्य शिक्षकों के मामले में कोई समझौता नहीं करेगी। लिहाजा कक्षा एक से आठ तक के स्कूल में शिक्षक बनने वालों के लिए पात्रता परीक्षा अनिवार्य होगी। इतना ही नहीं, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने शिक्षकों के लिए योग्यता के मानक भी तय कर दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक छह से चौदह साल तक के बच्चों को अनिवार्य व मुफ्त शिक्षा के लिए देशभर में पांच लाख से अधिक और शिक्षकों की जरूरत भले ही हो, लेकिन शिक्षा की गुणवत्ता पर समझौता नहीं हो सकता। इसी साल पहली अप्रैल से अमल में आए शिक्षा का अधिकार कानून में भी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रावधान किया गया है। इसके मद्देनजर शिक्षकों के लिए उनकी योग्यता और शिक्षक बनने का एक मानक होना जरूरी था। उसी क्रम में एनसीटीई ने कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक बनने के दिशानिर्देश व मानक तय कर दिए हैं। उसके तहत राज्यों में प्रारंभिक शिक्षक बनने के लिए आवेदकों को शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास करना जरूरी होगा। यह पूछे जाने पर कि क्या सभी राज्यों ने इसे अपनी रजामंदी दे दी है, सूत्रों ने कहा,एनसीटीई ने सभी राज्यों से मशविरा किया था, उसमें किसी ने इस पर एतराज नहीं जताया। बल्कि कुछ राज्यों ने इस पर अमल भी शुरू कर दिया है। कक्षा एक से पांच तक के शिक्षकों के लिए न्यूनतम योग्यता उच्चतर माध्यमिक या उसके समकक्ष परीक्षा में 50 प्रतिशत अंक व प्रारंभिक शिक्षा में दो वर्षीय डिप्लोमा या फिर उच्चतर शिक्षा में 45 प्रतिशत अंक और एनसीटीई के विनियम 2002 के तहत प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में दो वर्षीय डिप्लोमा जरूरी होगा। इतना ही नहीं, उच्चतर माध्यमिक में 50 प्रतिशत अंक व चार वर्षीय प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र स्नातक (बीएलएड) और इंटर में 50 प्रतिशत व शिक्षा शास्त्र में दो वर्षीय विशेष शिक्षा डिप्लोमाधारी भी अध्यापक पात्रता परीक्षा में शामिल होने के पात्र होंगे। इसी तरह कक्षा छह से आठ तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए बीए या बीएससी और प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र (जिस भी नाम से जाना जाता हो) दो वर्षीय डिप्लोमाधारी शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। जबकि 50 प्रतिशत अंकों के साथ बीए या बीएससी व शिक्षा शास्त्र एक वर्षीय स्नातक (बीएड) या 45 प्रतिशत अंकों के साथ बीए या बीएससी और एनसीटीई के नियमों के तहत एक वर्षीय बीएड वाले भी टीईटी में बैठ सकते हैं। इसके अलावा 50 प्रतिशत अंकों के साथ इंटर व चार वर्षीय बीएलएड करने वाले या फिर इंटर में 50 प्रतिशत अंकों के साथ चार वर्षीय बीए या बीएससी एड या बीएएड या बीएससी एड वाले भी टीईटी में शामिल हो सकते हैं। इतना ही नहीं, जिनके पास न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ बीए या बीएससी और बीएड योग्यता है, वे एक जनवरी 2012 तक कक्षा एक से पांच तक के शिक्षक नियुक्ति के पात्र होंगे। बशर्ते उन्होंने एनसीटीई की ओर से मान्यता प्राप्त छह माह का विशेष प्रशिक्षण लिया हो। जिनके पास डीएड (विशेष शिक्षा) या बीएड (विशेष शिक्षा) की योग्यता है, नियुक्ति के बाद उन्हें एनसीटीई मान्यता प्राप्त शिक्षा शास्त्र में छह माह का विशेष प्रशिक्षण जरूरी होगा। राज्यों में ये शर्तें इसकी अधिसूचना जारी होने के बाद से प्रभावी होंगी(राजकेश्वर सिंह,दैनिक जागरण,दिल्ली,30.12.2010)।

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