माध्यमिक शिक्षा की अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं की तिथि घोषित
शिक्षा विभाग ने शनिवार को माध्यमिक शिक्षा की अद्र्धवार्षिक परीक्षा का कार्यक्रम घोषित कर दिया है। जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक प्रथम) ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा में अद्र्धवार्षिक परिक्षाओं का आयोजन 3 से 18 जनवरी तक किया जाएगा। इसके अतिरिक्त परीक्षा से संबंधित तिथिवार कार्यक्रम भी निर्धारित कर लिया गया है।
फिर टकराएंगी तिथियां
माध्यमिक शिक्षा की परीक्षाओं का आयोजन 18 जनवरी तक किया जाएगा। जबकि 15 जनवरी से जनगणना से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू हो जाएंगे। ऐसे में शिक्षकों के सामने खासी समस्या पैदा हो जाएगी। इससे पूर्व भी भास्कर ने इस समस्या को लेकर खबर प्रकाशित की थी, लेकिन अब तक भी इस संबंध में कोई निर्णय नहीं हो पाया है।
शिक्षक असमंजस में
माध्यमिक शिक्षा की परीक्षा तिथि निर्धारित हो जाने के बाद अब शिक्षक भी असमंजस में पड़ गए हैं कि वे परीक्षा से संबंधित कार्य करेंगे या जनगणना से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। इस संबंध में निदेशालय ने अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है(सोलंकी सिंह,दैनिक भास्कर,उदयपुर,11.12.2010)।
इम्तिहान की ‘घड़ी’ जनगणना का ‘कांटा’
नए साल में 15 जनवरी से 15 मार्च,2011 तक होने वाली जनगणना के दूसरे दौर ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे लाखों छात्रों की नींद उड़ा दी है।
राज्य सरकार से जनगणना के निर्देश मिलने के बाद राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने परीक्षाओं की तिथि करीब एक हफ्ते आगे बढ़ा दी है। अब 12वीं की बोर्ड परीक्षा 17 मार्च से और 10वीं की परीक्षा 24 मार्च से शुरू होगी। 12वीं के पेपर 9 अप्रैल,2011 तक चलेंगे, इस बीच 3 अप्रैल को एआईपीएमटी—प्री टेस्ट होगा। पेपर खत्म होने के एक दिन बाद ही 10 अप्रैल,2011 को आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा(जेईई) होगी। ऐसे में राजस्थान बोर्ड के करीब ढाई लाख परीक्षार्थियों के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है।
छात्रों ने सवाल उठाया कि वे एक साथ दो परीक्षाओं की तैयारी कैसे कर पाएंगे? दोनो परीक्षाओं की तिथियों में बहुत कम अंतर होने से उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं और 12वीं परीक्षाओं में करीब 15 लाख परीक्षार्थी बैठते हैं, इसमें से 6 लाख परीक्षार्थी 12वीं बोर्ड की परीक्षा देते हैं, जिसमें सबसे ज्यादा साइंस बायोलॉजी और मैथ्स के करीब ढाई लाख परीक्षार्थी होते हैं। उधर, सीबीएसई स्कूलों में जनवरी-फरवरी,2011 में प्रेक्टिल परीक्षाएं और 2-3 मार्च से मुख्य परीक्षा शुरू होने का अनुमान है, जो मार्च के अंत तक खत्म हो जाएगी। सीबीएसई परीक्षार्थियों को जेईई की तैयारी के लिए करीब 20 दिन ज्यादा मिल सकेंगे।
छात्रों पर मनोवैज्ञानिक दबाव
पूरे देश में फरवरी से बोर्ड और प्रतियोगी परीक्षाओं का दौर शुरू हो जाता है, जनगणना वालों को यह ध्यान रखना चाहिए था, जनगणना के राष्ट्रीय महत्व को देखते हुए परीक्षाएं आगे बढ़ाई गई हैं। 12वीं की परीक्षाएं जेईई से एक दिन पहले 9 अप्रैल को खत्म हो जाएंगी। - सुभाष गर्ग,चेयरमैन, राज.माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर
सीबीएसई और अन्य राज्यों में बोर्ड परीक्षाएं पहले खत्म हो जाने से छात्रों को जेईई के रिवीजन के लिए 20 दिन ज्यादा मिल जाते हैं, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के छात्रों पर इससे मनोवैज्ञानिक दबाव पड़ता है। बोर्ड को इस पर अवश्य ध्यान देना चाहिए। - आरके वर्मा, प्रबंध निदेशक, रेजोनेंस
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षा के बीच में 3 अप्रैल को एआईपीएमटी प्री आयोजित होने से राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के हजारों विद्यार्थियों की तैयारी पर बुरा असर पड़ेगा। सीबीएसई छात्रों की परीक्षाएं तब तक अवश्य खत्म हो जाएंगी। उन्हें रिवीजन के लिए ज्यादा समय मिलेगा। - बृजेश माहेश्वरी, निदेशक, एलेन इंस्टीट्यट
राज्य बोर्ड के सभी परीक्षार्थियों को आईआईटी जेईई के तीनों पेपर का रिवीजन करने के लिए 3-3 दिन भी नहीं मिल सकेंगे, इससे हजारों छात्रों का रिजल्ट प्रभावित हो सकता है। दो परीक्षाओं के बीच पर्याप्त अंतर रखा जाना चाहिए। - सीमा,अर्चना, सुनीता व जसप्रीत, स्टूडेंट(दैनिक भास्कर,कोटा,11.12.2010)
आयुर्वेद में नए सत्र से पीजी
राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय के बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट (बॉम) ने विवि के आंगिक आयुर्वेद महाविद्यालय में स्नातक के बाद अब अगले शिक्षा सत्र से आयुर्वेद के विभिन्न विषयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम आरम्भ करने के प्रस्ताव पर अपनी मोहर लगा दी है। आयुर्वेद से सम्बन्घित कुल 14 विषयों में पीजी शुरू करने का प्रस्ताव पारित किया गया है। इनमें से पांच विषयों में से आगामी सत्र से प्रवेश आरम्भ हो जाएंगे। इसके अलावा बॉम ने आयुर्वेद स्नातक की सीटों को भी 40 से बढ़ाकर 50 करने के प्रस्ताव को भी हरी झण्डी दे दी है।
विवि के कड़वड़ परिसर में कुलपति प्रो.बनवारीलाल गौड़ की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित बॉम की बैठक में अगले सत्र से विवि के आंगिक आयुर्वेद महाविद्यालय के आयुर्वेद स्नातक पाठ्यक्रम की सीटों इजाफे का निर्णय किया गया। विवि में पहली बार पीजी पाठ्यक्रम आरम्भ करने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया। आयुर्वेद संकाय अधिष्ठाता प्रो.राज्यवर्द्धन सिंह राय, होम्योपैथी अधिष्ठाता प्रो.एच.पी. त्यागी, यूनानी अधिष्ठाता प्रो.जी.क्यू. चिश्ती, विभागाध्यक्ष प्रो.मोहनलाल एवं कुलसचिव चैनसिंह पंवार सहित कई सदस्यों ने इस प्रस्ताव पर सुझाव प्रस्तुत किए और कहा कि पीजी आरम्भ होने से विवि को राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। वर्तमान में केवल एनआईए जयपुर में ही पीजी चल रही है। कुलपति ने कहा कि पीजी के बाद विवि में शोधकार्यो को बढ़ावा मिलेगा और विदेशों के छात्र भी यहां आकर अध्ययन कर सकेंगे।
अलग से बनेगी केन्द्रीय प्रयोगशाला
कड़वड़ परिसर में अब तक करवाए गए निर्माण कार्योü की समीक्षा के बाद बॉम के सदस्यों ने परिसर में आधारभूत संरचना के निर्माण एवं उनको आरम्भ करने की अनुमति प्रदान कर दी। इसके तहत फार्मेसी की अलग से विंग बनेगी और केन्द्रीय प्रयोगशाला की स्थापना होगी।
उपाधियों पर मोहर
विवि की स्नातक एवं स्नातकोत्तर परीक्षाओं में उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं की उपाधियों की सूची का अनुमोदन किया गया। इस वर्ष विवि की विभिन्न परीक्षाओं में नकल करते पकड़े गए परीक्षार्थियों की अनफेयरमीन्स रिपोर्ट को बॉम ने मंजूरी दे दी(राजस्थान पत्रिका,जोधपुर,11.12.2010)।
आरएएस परीक्षा पर जवाब मांगा
राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) भर्ती परीक्षा-2010 में नियमों की अनदेखी को लेकर दायर एक याचिका पर उच्च न्यायालय ने राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं राज्य के कार्मिक सचिव को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। न्यायाधीश गोविन्द माथुर ने जोधपुर निवासी उपेन्द्र गहलोत एवं अन्य की याचिका पर शुक्रवार को यह आदेश पारित किया।
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता हनुमानसिंह चौधरी एवं महेन्द्र पूनिया ने न्यायालय को बताया कि आरएएस भर्ती परीक्षा के कई प्रश्न-पत्रों में गड़बडियां थी। दर्शनशास्त्र विषय के पर्चे में तो करीब चालीस त्रुटियां पाई गई।
इसको लेकर याचिकाकर्ताओं ने
आरपीएससी एवं राज्य सरकार को शिकायत भी भेजी, लेकिन इसे नजरअंदाज कर आयोग ने उत्तरकुंजी प्रकाशित किए बिना और स्केलिंग पद्धति अपनाकर कट-ऑफ-मार्क्स की घोषणा कर दी। इसके अलावा 15 गुणा से अघिक अभ्यर्थियों की सूची भी जारी कर दी गई।
याचिकाकर्ताओं का कहना था कि आरएएस भर्ती-2007 में स्केलिंग पद्धति का मामला उच्च न्यायालय की जयपुर पीठ में विचाराधीन है। उच्चतम न्यायालय ने भी स्केलिंग पद्धति अपनाकर जारी किए गए परिणाम के आधार पर नियुक्ति देने की इजाजत सरकार को नहीं दी है। ऎसे में आरएएस (प्रारंभिक) परीक्षा में स्केलिंग पद्धति अपनाकर मुख्य परीक्षा आयोजित करना कतई उचित नहीं है। आरएएस (प्रारंभिक) परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने का मामला भी न्यायालय के ध्यान में लाया गया। साथ ही प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा को निरस्त करने की गुहार की गई। इस पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद न्यायाधीश माथुर ने आरपीएससी अध्यक्ष एवं कार्मिक सचिव को नोटिस जारी करते हुए 16 दिसम्बर तक जवाब तलब करने के आदेश दिए।
रेलवे में ग्रुप डी भर्ती की अधिसूचना 15 तक
उत्तर पश्चिम रेलवे में 1800 पेग्रेड के लगभग चार हजार पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया आगामी 15 दिसंबर से पहले शुरू हो जाएगी। रेल बोर्ड ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। भर्ती महाप्रबंधक स्तर पर होगी।
1800 पेग्रेड के तहत गैंगमैन, पाइंटमैन, गेटमैन, खलासी, हेल्पर एवं सहायक के पद शामिल हैं। पूर्व में इन्हें ग्रुप डी कैटेगरी माना जाता था। रेलवे की ओर से गु्रप डी कोटि समाप्त कर इसे 1800 पेग्रेड कोटि का नया नाम दिया गया है। भर्ती के लिए शैक्षणिक योग्यता दसवीं पास अथवा आईटीआई डिप्लोमा रखी गई है(राजस्थान पत्रिका,अजमेर,11.12.2010)।
बीएसटीसीःदूसरी ऑनलाइन काउंसलिंग शुरु
बीएसटीसी संस्कृत की द्वितीय चरण की ऑनलाइन काउंसलिंग शनिवार से शुरू होगी। विद्यार्थी पंजीयन कराने के अलावा कॉलेज का विकल्प चुन सकेंगे।
बीएसटीसी के सह समन्वयक डॉ. एम.एल. अग्रवाल ने बताया कि अभ्यर्थी 11 से 18 दिसम्बर तक बीएसटीसी की वेबसाइट के जरिए चालान डाउनलोड कर स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर की किसी भी शाखा में 2 हजार रूपए जमा करा सकेंगे। इसके बाद उन्हें कॉलेज विकल्प चुनना होगा। राजकीय महाविद्यालय 21 दिसम्बर को कॉलेजों का आवंटन करेगा। अभ्यर्थी 22 से 29 दिसम्बर तक शेष राशि 9 हजार 357 रूपए एसबीबीजे की शाखाओं में जमा कराने के अलावा आवंटित कॉलेज में उपस्थिति दे सकेंगे। कॉलेजों में शिक्षण कार्य 30 दिसम्बर से प्रारंभ होगा(राजस्थान पत्रिका,अजमेर,11.12.2010)।
उदयपुरःनर्सिंग स्कूल में अब नहीं छोड़ना होगा हॉस्टल
एमबी चिकित्सालय के जनरल नर्सिग स्कूल में अध्ययनरत वरिष्ठ छात्र इंटर्न के दौरान हॉस्टल में रह सकेंगे। इस सम्बन्ध में प्रधानाचार्या की मौखिक अनुमति मिलने पर छात्रों ने हर्ष जताया है, जबकि महीने भर से जारी गतिरोध के चलते अधिकांश छात्राएं हॉस्टल छोड़ अन्यत्र जा चुकी हैं। पूर्व में कमेटी का हवाला देते हुए हॉस्टल खाली करने का कहने पर छात्रों ने हड़ताल की चेतावनी दी थी।
छात्राओं को तो महीने भर पहले ही कमरे खाली करने के निर्देश दे दिए गए थे। उन्होंने स्कूल प्रधानाचार्या सहित प्रशासन के समक्ष गुहार भी लगाई ,लेकिन कोई मदद नहीं मिलने पर आखिरकार हॉस्टल खाली कर दिया। अब यहां इन्टर्न की अड़तालीस में से महज नौ छात्राएं बची हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानाचार्या विजया अजमेरा ने बीएससी के लिए हॉस्टल की आवश्यकता से इनकार करते हुए नर्सिग डिप्लोमा के नए बैच के लिए इसकी जरूरत बताई थी(राजस्थान पत्रिका,उदयपुर,11.12.2010)।
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