अब शिक्षक बनने के लिए परीक्षा की प्रक्रिया से गुजरनी होगी । पूर्व की तरह केवल शैक्षणिक मेरिट के आधार पर बहाली नहीं होगी । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को "जनता के दरबार में मुख्यमंत्री" कार्यक्रम के दौरान इसके लिए नई नियमावली बनाने की घोषणा की ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब शिक्षकों की बहाली नई नियमावली के तहत होगी । शिक्षकों की योग्यता पर उठ रही उंगलियों के कारण नियमावली में परिवर्तन का फैसला लिया गया है । नियुक्ति से पूर्व आवेदकों को दक्षता परीक्षा से गुजरना होगा । इसके बाद ही विभिन्न नियोजन इकाइयों द्वारा सफल अभ्यर्थियों को शिक्षक के पद पर बहाल किया जाएगा । उन्होंने कहा कि फिलहाल सूबे में ३ लाख शिक्षकों की जरूरत है । शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए टीचर्स ट्रेनिंग कालेज सुदृ़ढ़ किए जाएंगे । राज्य के पुराने कालेजों को सेंटर आफ एक्सीलेंस बनाने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं । वहीं इंजीनियरिंग और मेडिकल कालेज खोलने को भी ब़ढ़ावा दिया जाएगा । निजी क्षेत्र में इंजीनियरिंग और मेडिकल कालेज खोलने वाले को सरकार की ओर से पूरी मदद दी जाएगी । इसके अलावे डाक्टर, इंजीनियर और पारा मेडिकल कर्मियों की बहाली भी व्यापक पैमाने पर की जाएगी ।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जनआकांक्षा के अनुरूप ही विभिन्न विभागों की कार्ययोजनाएं तैयार की गई है । कैबिनेट ने भी इस पर अपनी सहमति जता दी है । विभागवार समीक्षा चल रही है और प्राथमिकताओं के आधार पर इसे चरणबद्घ ढंग से क्रियान्वित किया जाएगा(नई दुनिया,दिल्ली,21.12.2010) ।
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