अब स्कूली छात्रों को यौन शिक्षा मिलेगी. सूबे में पहली बार नये शैक्षिक सत्र- 2011 से नौवीं और 11 वीं कक्षा के छात्रों को यौन शिक्षा भी दी जायेगी. पायलट प्रोजेक्ट के तहत यह योजना नौ जिलों में शुरु होगी. पाठ्यक्रम कीपरेखा तैयार कर ली गयी है.
इसमें छात्र-छात्राओं को बताया जायेगा कि एड्स कैसे फैलता है. कम उम्र में शादी के आर्थिक व सामाजिक दुष्परिणाम क्या हैं. यौन व प्रजनन संबंधी समस्याओं की भी जानकारी दी जायेगी और नशे की तरफ धकेलने वाली मित्रमंडली के दबाव से बचने के उपाय बताये जायेंगे.
बाद में सभी जिलों में
राज्य शिक्षा शोध प्रशिक्षण परिषद के जनसंख्या शिक्षा कोषांग के अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पहले नालंदा, मुजफ्फरपुर, सारण, बांका, खगड़िया, पूर्णिया, दरभंगा व सुपौल में यह पढ़ाई शुरु होगी. इन जिलों में सफलता के बाद इसे तीन वर्षो में अन्य जिलों में लागू कर दिया जायेगा. छात्रों को पूरे कोर्स में 16 घंटों में यह शिक्षा मिलेगी.
इसके लिए राज्य स्तर पर मास्टरट्रेनर होंगे. शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए पाठ्यपुस्तिका बनायी गयी है. ये जिलों के सभी हाइस्कूल के दो-दो शिक्षकों अब नौवीं व..को नोडल शिक्षक के रुप में तैयार करेंगे. अब तक नालंदा, गया, सारण व मुजफ्फरपुर के 77 शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है.
शेष जिलों के शिक्षकों को भी मार्च, 2011 तक प्रशिक्षित कर लिया जायेगा. राज्य स्तर पर अधिकारियों की टीम योजना की मॉनीटरिंग करेगी. टीम के अधिकारी छात्रों से भी जानेंगे कि किशोरावस्था शिक्षा मिलने के बाद वह क्या महसूस कर रहे हैं. साथ ही, बच्चों में आये परिवर्तन के बारे में अभिभावकों से भी फीडबैक लिया जायेगा(प्रभात खबर,पटना,24.12.2010).
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