पड़ोसी शहरों के बाद अब करनाल में भी दि मिलेनियम स्कूल नई सोच के साथ खुलने जा रहा है। नए शैक्षणिक सत्र 2011 में प्राइमरी सेक्शन के दाखिलें शुरू हो जाएंगे। सीएचडी सिटी में खुलने वाले इस स्कूल की खासियतों में मिलेनियम र्ल्िनग सिस्टम भी है। इसे एजुकॉम्प के 100 रिसर्चर्स ने तैयार किया है। यह कहना है स्कूल की डायरेक्टर रिसर्च एंड डेवलपमेंट डा. बिंदू राणा का।
शहर के एक होटल में पत्रकारों से वार्ता में डा. राणा ने कहा कि दि मिलेनियम सिस्टम एक ऐसा साइंटिफिकली डिजाइंड सिस्टम है, जिसमें ऑडियो-विजुअल, काइनेस्थेटिक लर्निंग टेक्निक का इस्तेमाल किया गया है। इस सिस्टम की बदौलत स्कूल की फिलॉस्फी, कल्चर, मेथडोलॉजी को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि हमारी पढ़ाई का आधार शॉर्ट टर्म मेमोरी नहीं बल्कि लांग टर्म मेमोरी को विकसित करना है।
उनका उद्देश्य बच्चों को आनंदित ढंग से शिक्षा देना है। टीएमएस करनाल के प्रमोटर कुणाल भादू ने कहा कि उनकी इच्छा है कि भारत डेवल्प कंट्री की कतार में खड़ा हो। इसके लिए हर कस्बे व शहर में अच्छी शिक्षा व्यवस्था की जरूरत है। यह स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में करनाल के लोगों की जरूरत को पूरा करेगा।
क्वालिटी एजुकेशन के लिए अभिभावकों को दूसरे शहरों में अपने बच्चों को भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी। को-प्रमोटर विवेक वर्मा ने बताया कि करनाल के स्टूडेंट्स की क्षमता को निखारने के लिए वे एकेडमिक पार्टनर को भी साथ लिए हैं। एजुकॉम्प सॉल्यूशंस के स्कूल्स प्रेसीडेंट रवि पिल्लई ने कहा कि टीचिंग में बदलाव लाने को एजुकॉम्प प्रतिबद्ध है(दैनिक भास्कर,करनाल,11.12.2010)।
देखें क्या गुल खिलाते हैं ऐसे स्कूल।ाभार।
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