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11 दिसंबर 2010

जाट आरक्षणः संसद में विधेयक पेश

हरियाणा में जाट आरक्षण के संवेदनशील मुद्दे पर केंद्र सरकार ने आखिरकार संसद में पेश अपने जवाब में संशोधन कर दिया है। संशोधित जवाब शुक्रवार दोपहर प्रश्नकाल के तत्काल बाद लोस के पटल पर रख दिया गया। इसके बाद पिछले 11 दिनों से जवाब बदलवाने के लिए दिन-रात एक कर रही राज्य की हुड्डा सरकार ने राहत की सांस ली है।


केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्रालय की ओर से संशोधित जवाब संसदीय कार्य एवं जल संसाधन मंत्री पवन कुमार बंसल ने लोस के पटल पर रखा। कांग्रेस के ही सांसद डा. जी विवेकानंद के सवाल के संशोधित उत्तर में कहा है कि केंद्र सरकार को जाटों को पिछड़ा वर्ग श्रेणी में शामिल करने के लिए हरियाणा सरकार की ओर से कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं मिला है। लेकिन प्रदेश के सीएम ने जाट आरक्षण संघर्ष समिति की तरफ से दिए गए ज्ञापन को सकारात्मक विचार के लिए केंद्र सरकार को भेजा था। बंसल ने जवाब में कहा कि संबंधित ज्ञापन को जुलाई में राष्ट्रीय पिछडा वर्ग आयोग को ‘विचार एवं उचित कार्रवाई’ के लिए भेज दिया गया।

प्रदेश सरकार पड़ गई सांसत में
उल्लेखनीय है कि 29 नवंबर को केंद्रीय समाज कल्याण राज्य मंत्री डी नैपोलियन की ओर से संसद में दिए गए लिखित जवाब ने राज्य सरकार की नींद उड़ा दी थी जिसमें केवल इतना ही कहा गया था कि केंद्र को जाटों को पिछडे वर्ग में शामिल करने के लिए हरियाणा सरकार की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। दैनिक भास्कर ने 4 दिसंबर के अंक में सारे मामले पर प्रमुखता से खबर प्रकाशित करके जवाब में संशोधन कराने के राज्य सरकार के प्रयासों का खुलासा किया था(हेमंत अत्री,दैनिक भास्कर,दिल्ली,11.12.2010)।

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