नेरुल के सेंट जेवियर्स स्कूल के टीचर्स समेत पूरे स्टाफ की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। छठे वेतन आयोग की सैलरी के लिए संघर्षरत स्कूल के सभी 400 कर्मचारियों और मैनेजमेंट के बीच गतिरोध बरकरार है। मैनेजमेंट अब तक हड़तालियों से वार्ता के लिए आगे नहीं आया है। हालांकि बुधवार को उसने एक फैक्स में कोर्ट केस का हवाला देकर टीचर्स और स्टाफ से हड़ताल वापस लेने का आग्रह करते हुए कहा कि छठे आयोग की सैलरी दी जाएगी, बशर्ते केस का फैसला आ जाए।
स्कूल की टीचर प्रतिमा शर्मा ने इसे हास्यास्पद बताते हुए एनबीटी से कहा, 'हमसे कोर्ट का फैसला आने तक शर्त रख दी गई है। कोर्ट का फैसला कब आएगा किसी को नहीं पता। इसलिए हमारी हड़ताल जारी रहेगी।' फोरम फॉर फेयरनेस, जिसने यह स्कूल के खिलाफ चार साल पहले यह केस दायर किया था, के अध्यक्ष जयंत जैन के मुताबिक, 'स्कूल के खिलाफ हाईकोर्ट में तीन केस हैं। इसमें से एक केस हमने फाइल किया था। यह फंड के दुरुपयोग के खिलाफ था। इन पर अब भी फैसला लंबित है।' हड़ताल की वजह से 3 हजार छात्रों वाले इस स्कूल में दो दिनों से पढ़ाई ठप है। सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है एसएससी बोर्ड में बैठनेवाले छात्रों का। स्कूल प्रिंसिपल मनीषा अंधांसरे, जो स्वयं हड़ताल पर हैं, के अनुसार, 'हमारी हड़ताल जारी रहेगी।' बता दें, जीआर के मुताबिक, सभी एडेड और नॉनएडेड स्कूल के शिक्षकों को छठे वेतन आयोग की सैलरी दी जानी चाहिए। लेकिन बहुत कम स्कूल ऐसा कर रहे हैं जबकि वे इसी के नाम पर अभिभावकों से ज्यादा फीस वसूल रहे हैं(नवभारत टाइम्स,मुंबई,9.12.2010)।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।