हिमाचलप्रदेश में विभिन्न विभागों के आला अफसरों को विदेशी दौरों के लिए अब नई शर्ते झेलनी पड़ेंगी। देश से बाहर प्रशिक्षण के लिए जाने वाले अफसरों को विदेशों में ट्रेनिंग के लिए तभी इजाजत मिलेगी जब वे जिलाधीश के पद पर नौ साल का सेवाकाल पूरा कर चुके होंगे। नौ साल का कार्यकाल 2011 तक पूरा होना अनिवार्य है।
इससे कम कार्यकाल वाले अधिकारी विदेशों में ट्रेनिंग के लिए जाने के लिए पात्र नहीं होंगे। सेंट्रल स्टाफिंग स्कीम के अधिकारियों के लिए न्यूनतम कार्यकाल की अवधि पांच साल होगी। इसके साथ ही विदेशों में लंबे समय के लिए प्रशिक्षण हासिल करने के लिए आला अफसरों की आयु सीमा भी निर्धारित की गई है।
अधिकारियों के लिए अधिकतम आयु सीमा 52 साल और न्यूनतम आयु सीमा 45 साल तय की गई है जो एक अप्रैल 2011 तक मानी जाएगी। शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग कोर्स के सचिव और अतिरिक्तसचिव स्तर तक आयु सीमा से संबधित कोई शर्त नहीं होगी। अगर कोई अधिकारी विदेश में एक महीने के लिए ट्रेनिंग प्रोगाम में जाता है तो अगले दो साल तक विदेशों में दूसरे ट्रेनिंग प्रोगाम में नहीं जा सकेगा।
अगर दो माह से छह माह तक विदेशों में ट्रेनिंग प्रोगाम करते हैं तो फिर कूलिंग ऑफ पीरियड की अवधि तीन साल रहेगी। इसी तरह छह महीने का ट्रेनिंग प्रोगाम करने के बाद कम से कम पांच साल की अवधि के लिए विदेशों में दूसरा ट्रेनिंग प्रोगाम के लिए जाने पर प्रतिबंध रहेगा।
केवल उन्हीं अफसरों को विदेशों में छह महीने से अधिक अवधि के लिए ट्रेनिंग प्राप्त करने का अधिकार मिलेगा जिनकी एसीआर में वैरी गुड रिमार्क होगा। इसके लिए अफसरों को आवेदन के साथ एसीआर भी अटैच करनी होगी।
आला अफ सरों को अपने पूरे सेवाकार्यकाल में केवल एक ही लंबे समय का ट्रेनिंग प्रोगाम में भाग लेने का मौका मिलेगा। राज्य सरकार के कार्मिक विभाग ने केंद्र सरकार के पर्सनल एंड ट्रेनिंग डिवीजन से मिले निर्देशों को लागू कर दिया है। राज्य सरकार अब इन्हीं मापदंडों के आधारपर ही विदेशी ट्रेनिंग प्रोगामों के लिए अनुमति देगी ।
तीन साल तक प्रतिबंध
ऐसे अफसर जिनका चयन विदेशों में ट्रेनिंग प्रोगाम में एक बार होता है और इस प्रोगाम में नहीं पहुंचते हैं तो इनसे भविष्य में कड़ाई से निपटने का भी प्रावधान किया गया है। जो अफसर छह महीने से अधिक अवधि वाले ट्रेनिंग प्रोगाम मे चयनित होने के बाद भाग नहीं लेते हैं उनके लिए अगले तीन साल तक विदेशी ट्रेनिंग प्रोगाम में भाग लेने पर प्रतिबंध रहेगा। इसी तरह शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग प्रोगाम के लिए दो साल तक प्रतिबंध होगा(दैनिक भास्कर,शिमला,4.12.2010)।
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