स्मोक फ्री शहर होने का गौरव हासिल करने के बाद भी शिमला के युवा नशे की गिरफ्त में फंसते जा रहा हैं। स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और सामाजिक संस्थाओं के प्रयासों के बावजूद शहर के करीब हर तीसरे छात्र को नशे की लत है। यूथ इनलाइटनिंग द सोसायटी संस्था की ओर से स्कूली छात्रों पर किए एक सर्वेक्षण में यह खुलासा हुआ है। संस्था ने हाल में 12 स्कूलों के करीब दो हजार छात्रों पर सर्वे किया है। सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि करीब 30 फीसदी छात्रों को नशे की लत है। वहीं, कुल 54 फीसदी छात्र ऐसे हैं जो शौकिया तौर पर नशे का सेवन करते हैं। इसमें 12 से 18 साल की आयुवर्ग के छात्र शामिल हैं। संस्था के अध्यक्ष आकर्षण चौहान के अनुसार ज्यादातर छात्र दोस्तों को देखकर, शौकिया तौर पर या अपने से बड़ों को देखकर नशा शुरू करते हैं। इसमें छात्राओं की संख्या भी 24 फीसदी है। यही नहीं, पुलिस विभाग द्वारा शहर के थानों में गठित किए गए नॉर्कोटिक्स सैल द्वारा नशा करते पकड़े गए 50 फीसदी स्मोकर छात्र हैं।
नशीली दवाओं का भी सेवन
छात्र वर्ग में जहां सूंघने और नशीली दवाओं का सेवन बढ़ा है वहीं, तंबाकू का सेवन भी चरम पर है। आईजीएमसी के मनोरोग विभाग के अनुसार अस्पताल पहुंचने वाले युवाओं में ज्यादातर संख्या तंबाकू सेवन करने वालों की है। मनोरोग विभागाध्यक्ष प्रो. आरसी शर्मा का कहना है कि हर माह दर्जनों मामले सामने आ रहे हैं जिनमें तंबाकू और नशीली दवाओं का सेवन प्रमुख है। उन्हांेने बताया कि तंबाकू के साथ—साथ सूंघने वाले नशे में भी बढ़ोतरी हो रही है। दस में से करीब तीन छात्र नशीली दवाओं और सूंघने वाले नशे का इस्तेमाल करते हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने बनाई है रणनीति
स्वास्थ्य विभाग ने शहर के युवाओं को नशे की लत से बचाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसके तहत शहर में नशीली दवाओं की बिक्री को रोकने के लिए कुछ ड्रग इंस्पेक्टरों को अतिरिक्त शक्तियां दी गई हैं। स्वास्थ्य सुरक्षा विनिमय निदेशालय के निदेशक रोहित जमवाल का कहना है कि 14 ड्रग इंस्पेक्टरों की नियुक्ति की गई है। इनमें 12 डॉक्टर, एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट और एक फूड इंस्पेक्टर शामिल हैं। उन्होंने बताया कि शहर के ऐसे केमिस्टों पर नजर रखी जाएगी जो युवा वर्ग को इन नशीली दवाओं की सप्लाई करते हैं। सब विभाग और संस्थाएं मिलकर काम करेंगे।
सर्वे में खुलासा
30 फीसदी स्कूली छात्रों को है नशे की लत।
24 फीसदी छात्र बड़ों को देखकर करते हैं नशा शुरू।
सहयोग लेंगी संस्थाएं
यस संस्था के अनुसार इस मुहिम में पुलिस का भी सहयोग लिया जाएगा। संस्था के अध्यक्ष आकर्षण चौहान के अनुसार पुलिस अधीक्षक से बात की गई है और जल्द ही शहर में युवाओं के लिए जागरूकता अभियान शुरू किया जाएगा(दैनिक भास्कर,शिमला,18.12.2010)।
चिन्ताजनक स्थिती है।
जवाब देंहटाएंचिन्ताजनक ।
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