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06 दिसंबर 2010

दिल्ली में नर्सरी दाखिलाःनिर्धारित होगी स्कूल से घर की दूरी

नर्सरी दाखिले की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे राजधानी के लाखों अभिभावकों की दिल की धड़कनें बढ़ रही हैं। इसकी अपनी वजह है, क्योंकि जिस प्रकार नर्सरी दाखिले के तौर-तरीकों पर असमंजस की स्थिति है, उससे उनका परेशान होना स्वाभाविक है। एक बात अभी से तय हो चुकी है कि नर्सरी दाखिला चाहे लॉटरी सिस्टम से हो, या फिर प्वाइंट सिस्टम से, दूरी को दाखिले का मुख्य आधार बनाया जाएगा।

पहले की तरह प्वाइंट सिस्टम से दाखिला हुआ तो, दूरी का फंडा मजबूत रहेगा। सभी स्कूल 100 प्वाइंट में 20 से 40 दूरी का रखते हैं। लाटरी से दाखिला हुआ तो भी फार्म में दूरी का किलोमीटर जरूर निर्धारित होगा। लिहाजा, फार्म वही भरेगा, जो उस निर्धारित दूरी के दायरे में आएगा। फिर उसी फार्म के बीच लॉटरी हो जाएगी।


डीपीएस सोसायटी के अध्यक्ष अशोक चंद्रा का कहना है कि दोनों ही स्थिति में दूरी मुख्य आधार रहेगी। उदाहरण के लिए अगर कोई डीपीएस, मथुरा रोड के आस-पास रहता है और कोई आगे वसंत कुंज, बदरपुर या फरीदाबाद रहता है, तो दाखिले का ज्यादा हक आस-पास रहने वाले का होगा। उन्होंने कहा कि दूरी के झूठ को उजागर करने के लिए हर साल मकान का सबूत मांगा जाता है, जिसमें बिजली-पानी बिल के अलावा अन्य सरकारी दस्तावेज भी शामिल होते हैं।

उधर, दिल्ली पब्लिक स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष आरसी जैन, फेडरेशन आफ पब्लिक स्कूल के चेयरमैन आरपी मलिक का कहना है कि दूरी का तो हर हाल में ध्यान रखना होगा। बच्चा जितना नजदीक से आएगा, उतना वह मानसिक तौर पर स्वस्थ बना रहेगा। 10-20 किलोमीटर से आते-आते छात्र शारीरिक और मानसिक रूप से अस्वस्थ हो जाएगा(दैनिक जागरण संवाददाता,दिल्ली,6.12.2010)।

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