उत्तराखंड सरकार जनहित के लिए कदम उठाती है, लेकिन पासा उलटा पड़ जाता है। समूह ग की भर्तियों के फैसले में भी ऐसा ही नजर आ रहा है। कैबिनेट ने जिस प्राविधिक शिक्षा परिषद को भर्तियों के लिए नोडल एजेंसी बनाने का निर्णय किया, उसमें 74 फीसदी पद खाली पड़े हैं। मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने सूबे में समूह ग की 20 हजार रिक्तियों पर भर्ती करने की घोषणा हाल ही में की थी। बाकायदा कैबिनेट ने पिछले दिनों यह फैसला भी कर डाला कि इन भर्तियों की नोडल एजेंसी प्राविधिक शिक्षा परिषद रहेगी। इसमें कोई दोराय नहीं कि मुख्यमंत्री ने जनहित में कदम उठाया, लेकिन नौकरशाही ने उनके रास्ते में विवादों के बीज बो दिये। पहला विवाद तो यही पैदा हो गया कि समूह ग की भर्ती में गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी स्थानीय बोलियों की जानकारी को अनिवार्य करने का शासनादेश जारी कर दिया गया। इस शासनादेश में संशोधन पर सरकार ने मंगलवार को ही चर्चा की। दूसरा विवाद यह खड़ा हो गया कि जिस प्राविधिक शिक्षा परिषद को नोडल एजेंसी बनाया गया है, उसमें 74 फीसदी पद रिक्त पड़े हैं। परिषद में कुल 45 पद हैं और इनमें से 33 कुर्सियों पर अफसर नहीं हैं। यह जानते हुए भी 20 हजार भर्तियों की जिम्मेदारी सौंपने का फैसला कैबिनेट से करा दिया गया। किसी भी योजना के पीछे सरकार की भले ही जो मंशा रहे, लेकिन उसका सारा खाका प्रशासनिक व्यवस्था को संभालने वाले नौकरशाह करते हैं, मगर इस मामले में की गई प्लानिंग से लगता है कि सरकार की मंशा को योजनाकार पलीता लगाना चाहते हैं। भले ही सरकार की जानकारी में यह तथ्य रहा हो कि 20 हजार भर्तियों के लिए जिस बोर्ड को नोडल एजेंसी बनाया जा रहा है, वहां कुल जमा 12 अफसर हैं लेकिन इस तथ्य को व्यवस्था के जिम्मेदार अफसर कैसे भूल गये कि भर्ती 20 की नहीं, बल्कि 20 हजार की होनी है। अफसरों को यह भी याद नहीं रहा कि प्राविधिक शिक्षा परिषद में सचिव और संयुक्त सचिव के पद खाली पड़े हैं। उप सचिव के दो पदों में से भी एक खाली है। एकमात्र उप सचिव ही सचिव की कुर्सी का भी दायित्व संभाल रहे हैं। बड़ा सवाल ये है कि परिषद को नोडल एजेंसी की जिम्मेदारी देने से पहले किसी नौकरशाह का ध्यान इस ओर क्यों नहीं गया? सवाल तो यह भी है कि परिषद को नोडल एजेंसी बनाने के पीछे कहीं भर्ती प्रक्रिया को लंबित या विवादित करना तो मकसद नहीं? यदि ऐसा नहीं तो क्या सरकार समूह ग की भर्ती प्रक्रिया से पहले प्राविधिक शिक्षा परिषद के खाली पड़े 74 फीसदी पदों को भरेगी? प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा परिषद राकेश शर्मा ने पूछे जाने पर कहा, अगली कैबिनेट बैठक में परिषद के खाली पदों को भरने का प्रस्ताव लाया जा रहा है। समूह-ग भर्ती प्रक्रिया में परिषद सक्षम है, उसके लिए अधिक स्टाफ की जरूरत नहीं है और वर्तमान स्टाफ पर्याप्त है(दैनिक जागरण,देहरादून,9.12.2010)।
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