पंजाब यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड बीएड कॉलेजों में पढ़ रहे हजारों स्टूडेंट्स की डिग्री समय पर पूरी न होने का संकट खड़ा हो गया है। पंजाब सरकार ने पंजाब में इन बीएड कॉलेजों की अपने स्कूलों में टीचिंग प्रैक्टिस पर रोक लगा दी है।
इस फैसले से पंजाब में बीएड कर रहे करीबन 25 हजार स्टूडेंट्स को इस सेशन में टीचिंग प्रैक्टिस के लिए प्लेटफॉर्म मिलना मुश्किल हो गया है। पंजाब के डायरेक्टर जनरल स्कूल (सर्व शिक्षा अभियान) की ओर से इस संबंध में अपनी वेबसाइट पर निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों के तहत इन स्कूलों में रेगुलर टीचिंग प्रैक्टिस के बजाय खाली पदों पर ही बीएड स्टूडेंट्स को टीचिंग प्रैक्टिस का मौका दिया जाएगा।
नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजूकेशन (एनसीटीई) के नियमों के मुताबिक बीएड स्टूडेंट्स को टीचिंग यानी फील्ड प्रैक्टिस के बगैर डिग्री नहीं दी जा सकती। स्टूडेंट्स को सरकारी स्कूलों में 40 दिन की टीचिंग प्रैक्टिस पूरी करनी जरूरी है। पंजाब में पीयू से एफिलिएटेड 68 बीएड कॉलेजों में करीब 25 हजार स्टूडेंट हैं। फाइनल ईयर स्टूडेंट्स को 2011 जनवरी, फरवरी और मार्च में टीचिंग प्रैक्टिस पूरी करनी है।
लेकिन इस साल प्रैक्टिस के लिए सभी स्टूडेंट्स को एक साथ मौका नहीं मिल पाएगा। डायरेक्टर जनरल स्कूल के निर्देशों के मुताबिक उन्हीं स्कूलों में स्टूडेंट्स को टीचिंग प्रैक्टिस करवाई जाएगी, जहां पर पोस्ट खाली हो। यानी पहले की तरह पूरे बैच को एक साथ ट्रेनिंग का मौका नहीं मिलेगा। इस सूरत में सभी स्टूडेंट्स एक साथ डिग्री पूरी नहीं कर पाएंगे।
सीनेटर और पंजाब यूनिवर्सिटी की पूर्व डीन फैकल्टी ऑफ एजूकेशन डॉ. जसवीर कौर चहल ने इस मुद्दे को पंजाब सरकार से उठाने की कोशिश की। लेकिन डायरेक्टर जनरल स्कूल पंजाब ने इस मुद्दे पर मिलने की भी जरूरत नहीं समझी। डॉ. चहल कहती हैं कि यह स्टूडेंट्स के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। इस मुद्दे को अब पंजाब यूनिवर्सिटी के मार्फत उठाया जाएगा(अधीर रोहाल,दैनिक भास्कर,चंडीगढ़,10.12.2010)।
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