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11 दिसंबर 2010

मध्यप्रदेशःशिक्षा और रोज़गार समाचार

जीवाजी विश्वविद्यालयः97 केंद्रों पर 50 हज़ार छात्र देंगे परीक्षा
जीवाजी यूनिवर्सिटी द्वारा स्नातक एवं स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा 97 केन्द्रों पर कराई जाएगी। इसकी सूची जारी कर दी गई है। इन परीक्षा केन्द्रों पर लगभग 50 हजार छात्र भाग लेंगे। प्रथम सेमेस्टर परीक्षा में बीए, बीकॉम, बीएससी, बीएचएससी, एमए, एमकॉम, एमएससी एवं एमएचसी के परीक्षार्थी भाग लेंगे। इतना ही नहीं जेयू ने परीक्षा कार्यक्रम भी घोषित कर दिया है।

जेयू प्रशासन द्वारा जारी किए परीक्षा कार्यक्रम के अनुसार बीए प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा 16 दिसंबर से 19 जनवरी तक सुबह नौ से 12 बजे तक चलेगी। जबकि बीएससी प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा 18 दिसंबर से 24 जनवरी 2011 तक चलेगी। बीएससी होम साइंस प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा 18 दिसंबर से 10 जनवरी 2011 तक चलेगी। बीकॉम प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा 21 दिसंबर से 10 जनवरी 2011 तक चलेगी।

तीन दिन होंगी पूरक परीक्षा: जेयू ने शुक्रवार को पूरक परीक्षा का कार्यक्रम भी घोषित कर दिया है। बीए प्रथम वर्ष एवं बीकॉम, बीएससी,बीएससी होम साइंस प्रथम वर्ष की पूरक परीक्षा 21 से 23 दिसंबर तक सुबह नौ से 12 बजे तक आयोजित की जाएंगी। जबकि बीकॉम द्वितीय वर्ष, बीए, बीएससी होम साइंस, बीएससी द्वितीय वर्ष, बीकॉम तृतीय वर्ष, बीए, बीएससी, बीएससी होम साइंस की पूरक परीक्षा 21 से 23 दिसंबर तक दोपहर दो से पांच बजे तक संचालित की जाएंगी(राम महाजन,दैनिक भास्कर,ग्वालियर,11.12.2010)।


माध्यमिक शिक्षकों को 5वें वेतनमान का लाभ देने का निर्देश
जस्टिस राजेन्द्र मेनन की एकलपीठ ने एक मामले का निराकरण करते हुए राज्य सरकार को कहा कि याचिकाकर्ता मप्र माध्यमिक शिक्षक संघ के सदस्यों को 5वें वेतनमान का लाभ प्रदान करें। अदालत ने कार्रवाई के लिये सरकार को दो माह का समय दिया है।

संघ की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया था कि 5वें वेतनमान की अनुशंसाओं का पालन करने के संबंध में हाईकोर्ट द्वारा कई मामलों में निर्देश भी दिये गये, लेकिन याचिकाकर्ता संघ के करीब 6 हजार सदस्यों को लाभ नहीं मिला, जो अवैधानिक है।

आवेदकों की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता केसी घिल्डियाल ने अदालत को बताया कि अनुदान प्राप्त स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को 5वें वेतनमान का लाभ न दिया जाना अनुचित है, जबकि हाईकोर्ट ने पूर्व में वीवी अस्थाना के प्रकरण में सुस्पष्ट आदेश जारी किये थे कि इस लाभ का भुगतान 1 अप्रैल 2000 से दिया जाए। 

सुनवाई के बाद अदालत ने वीवी अस्थाना के मामले में दिये गये निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में याचिकाकर्ता संघ के शिक्षकों को भी पांचवे वेतनमान का लाभ देने के निर्देश दिये। आवेदकों की ओर से अधिवक्ता मनोज रजक और प्रदीप द्विवेदी ने भी पैरवी की(दैनिक भास्कर,जबलपुर,11.12.2010)।

ग्वालियरःपॉलिटेक्निक में नए सर्टिफिकेट कोर्स 27 से
केंद्र सरकार की रोजगार की ओर से प्रायोजित उद्यमिता प्रबंधन एवं विकास (ईएमडी) प्रोजेक्ट के तहत पड़ाव स्थित महिला पॉलीटेक्निक कालेज में 10 प्रकार के सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किए जा रहे हैं। 27 दिंसबर से शुरू होने वाले इन कोर्सेज में भाग लेने के लिए 24 दिसंबर तक आवेदन किए जा सकता है। 

पॉलीटेक्निक कालेज के प्राचार्य सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि एआईसीटीई के देखरेख में चल रहे इस प्रोजेक्ट के तहत कम समय में रोजगार दिलाने वाले कोर्स कराएं जाएंगे। इनमें कप्यूटर एप्लीकेशन, कंप्यूटर रिपेयरिंग एंड मेंटिनेंस, कंप्यूटर नेटवर्किंग, कंप्यूटर एकाउंट विथ टैली, कंप्यूटर बेस्ट ऑटोकेड, मोबाइल रिपेयरिंग, ब्यूटीशियन, ब्लॉक प्रिंटिंग, कढ़ाई एवं जरीजरदोजी का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

प्रोजेक्ट के तहत कालेज में अलग से ईएमडी कार्यालय भी खोला जा चुका है। प्रशिक्षण के बाद ईएमडी कार्यालय जरूरत के हिसाब से विभिन्न संस्थाओं से संपर्क कर छात्रों को नौकरी दिलाने में भी मदद करेगा(हरेकृष्ण डाबोलिया,दैनिक भास्कर,ग्वालियर,11.12.2010)।

मुसीबत बने अतिशेष प्रोफेसरों के तबादले
भोपाल कस्बाई क्षेत्र के कालेजों से वेतन लेकर सालों से शहरों में जमे प्रोफेसर राज्य शासन के लिए गले की फांस बन गए हैं। छह माह की लंबी मशक्कत के बाद भी उच्च शिक्षा विभाग इन प्रोफेसरों को कालेजों में नहीं भेज पा रहा है। जैसे-तैसे करीब पचास फीसदी की तबादला सूची जारी करने का साहस विभाग ने दिखाया है, लेकिन इनमें से भी अधिकांश शिक्षक नए कालेज में आमद देने की बजाय तबादला निरस्त कराने में जुट गए हैं। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा एक माह में दो किस्तों में 81 अतिशेष सहायक प्राध्यापक व प्राध्यापकों को उनके विषयमान से नए कालेज आवंटित किए हैं। पहली सूची में शामिल सभी 23 प्रोफेसरों को खुश करने में विभाग लगभग सफल रहा है, लेकिन दो दिन पहले जारी दूसरी सूची में शामिल अधिकांश प्रोफेसर शहर छोड़ने को तैयार नहीं हैं। खासकर सत्ता और संगठन में दखल रखने वाले अपने-अपने आकाओं के पास पहुंच गए हैं। इनकी ओर से आपत्ति भी सामने आने लगी है। इसे देखते हुए विभाग के अधिकारियों के माथे पर चिंता की लकीरें दोबारा खिंच गई हैं। इसके साथ ही समन्वय में लंबित अगली सूचियों को लेकर भी दुविधा की स्थिति बन गई है। वित्त विभाग के आदेश पर अमल करना उच्च शिक्षा की मजबूरी है, वहीं बिना काम और वेतन के बैठे प्रोफेसरों का दबाव भी लगातार बढ़ता जा रहा है। सूत्रों की मानें तो अव्वल तो सभी को उनके विषय के मान से सेट करना ही विभाग में संभव नहीं है। विभाग की पहली प्राथमिकता ऐसे प्रोफेसरों के तबादले आदेश जारी करना है, जो अन्य विषयों वाले कालेज में पहुंच गए थे। इनके अलावा भी करीब एक सैकड़ा प्रोफेसर अतिशेष की सूची में हैं। इनके लिए जगह भी बनाई जाती है तो शहरों में एक भी एडजस्ट नहीं हो सकेगा। जबकि प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों का दबाव लगातार बना हुआ है, वे अपने परिजनों को किसी भी स्थिति में शहरी कालेजों से भेजने को तैयार नहीं है। इसके चलते अगली सूची निकालना विभाग के लिए मुश्किल हो गया है। इस दबाव से बचने के लिए प्रतिनियुक्ति की रास्ता खोजा जा रहा है। अदालती तलवार भी लटकी : दूसरी ओर कई प्रोफेसर अदालत का स्थगन लेकर बैठे हैं। वहीं आधा सैकड़ा ने स्वास्थ्य और परिवार के आधार पर अपना तबादला निरस्त कराने का आवेदन दे रखा है। इनमें से कई शिक्षकों ने छह माह बाद भी आमद दर्ज नहीं कराई है। ऐसे में अगली सूची निकालना विभाग की मजबूरी हो गई है। अन्यथा शासन पर अदालती प्रकरण बढ़ सकते हैं(दैनिक जागरण,भोपाल,11.12.2010)।

कड़ी सुरक्षा में होंगी बोर्ड परीक्षाएं
दसवीं-बारहवीं बोर्ड परीक्षा में इस बार सेंटर से पेपर तक कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। प्रश्न पत्र गत वर्ष की तरह चार सेट की बजाय एक सेट में आएंगे, तो दोनो परीक्षाएं भी एक हर दिन होगी। इस बार मंडल परीक्षा केंद्र भी एक बार तय करने के बाद नहीं बदलेगा। परीक्षा केंद्रों पर भारी पुलिस बल के साथ संवेदनशील केंद्रों पर धारा 144 लगाकर परीक्षा ली जाएगी। बोर्ड परीक्षा तैयारियों को अंतिम रूप परीक्षा समिति की बैठक में दिया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा इस बार दसवीं और बारहवीं की मुख्य परीक्षाओं में अलग-अलग सेट नही बनाए जाएंगे। सभी परीक्षार्थियों को एक समान पेपर ही बांटे जाएंगे। नकल रोकने के उद्देश्य से मात्र वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का क्रम आगे-पीछे रहेगा। माशिमं द्वारा वर्ष 2009 तक दोनों ही परीक्षाओं में प्रश्न पत्रों के ए, बी, सी, डी चार सेट तैयार किए जाते थे। ताकि किसी भी छात्र के चारों ओर एक समान पेपर न रहें। लेकिन प्रश्न अलग-अलग होने से छात्रों को परेशानी होती थी। वर्ष 2010 में बदलाव के बाद बनने वाले एक समान पेपरों में अंतर केवल वस्तुनिष्ठ प्रश्नों में किया गया। माना जाता है कि वस्तुनिष्ठ प्रश्नों में नकल बड़ी आसानी से हो जाती है। नकल की संभावना को देखते हुए वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का क्रम बदल दिया जाएगा। प्रश्न पत्रों का वितरण भी इस ढंग से किया जाएगा कि आगे-पीछे और दाएं-बांए बैठे परीक्षार्थी एक-दूसरे से मिलान न कर सकें। एक बार में ही तय होंगे परीक्षा केंद्र मंडल एक बार में परीक्षा केंद्रों की अंतिम सूची बनाएगा। वर्ष 2009 तक परीक्षा के अंत समय तक भी परीक्षा केंद्र बदले जाने से छात्रों को खासी परेशानी होती थी। मंडल ने वर्ष 2010 से परीक्षा केंद्रों को एक बार में तय करने के निर्देश दिए हैं। मंडल में जिला कलेक्टरों के माध्यम से परीक्षा केंद्रों की सूची पहुंच चुकी है। इसमें परीक्षा संवेदनशील परीक्षा केंद्र भी शामिल है। इन केंद्रों पर धारा 144 लगाकर परीक्षा ली जाएगी। जिला कलेक्टर्स के माध्यम से आई सूची को मंडल जांच कर परीक्षा केंद्र बनाएगा। यह सूची अंतिम होगी। इसके बाद मंडल इसमें कोई परिवर्तन नहीं करेगा। साथ ही संवेदनशील परीक्षा केंद्र की वीडियोग्राफी के लिए कलेक्टर की तरफ से प्रस्ताव आएगा, तभी मंडल द्वारा विचार होगा(दैनिक जागरण,भोपाल,11.12.2010)।

सारे बी.एड. कॉलेज पाए गए खरे
काउंसलिंग के पहले बीएड कालेजों की असलियत जानने के लिए भेजी गई टीमों ने उच्च शिक्षा की मंशा पर ही पलीता लगा दिया है। दो दिन घूमी टीमों ने सारे कालेजों को सभी मापदंडों पर खरा बताते हुए हरी झंडी दे दी है। हालत यह है कि जिन कमियों के आधार पर एनसीटीई ने मान्यता समाप्त कर विभाग को पत्र भेजा है, उस कालेज में भी निरीक्षण टीम को सारी व्यवस्था चाक-चौबंद मिली हैं। बीएड कालेजों में उच्च शिक्षा विभाग की जांच शुक्रवार को भी जारी रही। गुरुवार को छूटे 20 कालेजों में हमीदिया कालेज के शिक्षकों की टीमें आज पहुंचीं। दिन भर चली इस कार्रवाई में निरीक्षण दलों को इनमें से मात्र रघुकुल कालेज मौके पर नहीं मिला। जो पता दिया गया था, वहां कालेज की कोई निशानी भी नहीं मिली। इनके अलावा चार कालेजों ने नाम मात्र की कमियां निरीक्षण दलों को मिली हैं। वहीं बाग मुगालिया स्थित एक कालेज तक टीम शुक्रवार को पहुंच ही नहीं सकी। यहां अब शनिवार को निरीक्षण किया जाएगा। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि राजधानी के ही अहमदपुर में माता वैष्णो कालेज की मान्यता समाप्ति का पत्र एनसीटीई ने शुक्रवार को ही उच्च शिक्षा विभाग को भेजा है। यह कालेज अभी तक नगर निगम के एक छोटे से भवन में संचालित हो रहा था। इसके साथ आंगनबाड़ी और एक एनजीओ का कार्यालय भी था। हाल ही में नगर निगम ने बीआरटीएस कारीडोर के लिए इस भवन को गिरा दिया है। बावजूद इसके निरीक्षण टीम को यहां फर्नीचर, भवन, शिक्षक, खेल मैदान आदि की छोटी-छोटी गलतियां मिली हैं। इस कालेज के खिलाफ विभाग द्वारा पहले भी कार्यवाही की जा चुकी है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एनसीटीई का पत्र मिलने के बाद तो यह कालेज अब सूची में ही नहीं रहेगा। इसकी संबद्धता समाप्ति के लिए भी जल्द ही विवि को पत्र भेज दिया जाएगा। 


दोबारा होगा निरीक्षण : हमीदिया कालेज के शिक्षकों द्वारा किया गया यह निरीक्षण पूरी तरह से संदेह के घेरे में आ गया है। टीमों को 59 में से मात्र दो कालेजों के पते गलत मिले हैं। शेष सभी में कमियां ऐसी मिली हैं, जिनका उल्लेख करना भी कमेटियों को बेमानी लगा। परिणाम स्वरूप अधिकांश कालेजों की रिपोर्ट पाजीटिव बताई जा रही है। इन रिपोर्ट्स को देखते हुए विभाग द्वारा दोबारा निरीक्षण कराने की संभावना बन गई है। दोबारा निरीक्षण होने पर गलत रिपोर्ट देने वालों पर कार्यवाही भी हो सकती है(दैनिक जागरण,भोपाल,11.12.2010)।

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