झारखंड के ओदवासियों के लिए बड़ी खुशखबरी है. विनोबा भावे विश्वविद्यालय ने आदिवासी भाषा में डिग्री कोर्स शुरू करने का फ़ैसला किया है.14 दिसंबर को आयोजित एकेडमिक काउंसिल की बैठक में प्रस्ताव पर सहमति बन गयी है.
सत्र 2011-12 से पढ़ाई शुरू कर दी जायेगी. पहले चरण में स्नातक डिग्री कोर्स शुरू की जायेगी, जिसे बाद में स्नातकोत्तर में भी बदला जायेगा. विवि सूत्रों के अनुसार पहले चरण में एक साथ दो से तीन विषयों में पढ़ाई शुरू की जायेगी. इसमें वैसी भाषा का चयन किया जायेगा जो विवि के अध्ययन क्षेत्र में पड़ता है. विवि स्तर पर भाषा संबंधित सर्वे भी किया जा रहा है.
इसमें हजारीबाग, धनबाद, गिरिडीह, बोकारो, कोडरमा ओद क्षेत्र में निवास करने वाले ओदवासियों के बीच बोले जाने वाली भाषा का पता लगाया जा रहा है.इन भाषाओं पर बनी है सहमति : ओदवासी भाषा में पढ़ाई शुरू करने के लिए पहले चरण में मुंडारी, कुड़ूक, संताली व खोरठा भाषा पर सहमति बन गयी है.
पहले चरण में इन्हीं भाषाओं में से दो या तीन भाषा में पढ़ाई शुरू की जायेगी.
कॉलेजों से मांगा गया प्रस्ताव :
आदिवासी भाषा में पढ़ाई शुरू करने के लिए विभिन्न कॉलेजों से भी प्रस्ताव मांगा गया है. जिसमें कॉलेज की आधारभूत संरचना व शिक्षकों की स्थिति देखते हुए प्रस्ताव देने को कहा गया है. डिप्टी रजिस्ट्रार विजय कुमार ने कहा कि ओदवासी भाषा की पढ़ाई विवि के अंतर्गत आने वाले कॉलेजों में भी शुरू की जायेगी. इसके लिए प्रस्ताव मांगा गया है(प्रभात खबर,धनबाद,21.12.2010).
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