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23 दिसंबर 2010

मध्यप्रदेशःमाध्यमिक शिक्षा मंडल में फर्जी प्रमाणपत्र बनाने वाला गिरोह सक्रिय

माध्यमिक शिक्षा मंडल में फर्जी मार्कशीट बनाने वालों का गिरोह सक्रिय है। यह खुलासा मुजफ्फर नगर से जांच के लिए आई 45 मार्कशीटों के पकड़े जाने के बाद हुआ है। उत्तरप्रदेश के मुजफ्फर नगर में शिक्षा विभाग में भर्ती के लिए अभ्यार्थियों ने आवेदन दिया था। इसमें माध्यमिक शिक्षा मंडल से डीएड उत्तीर्ण करीब 80 अभ्यार्थियों ने आवेदन दिए थे। सभी अभ्यार्थी साक्षात्कार तक पहुंच चुके थे। इस बीच उक्त अभ्यार्थियों की मार्कशीट सत्यापन के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल में भेजी गई। माशिमं की सत्यापन शाखा ने इन सभी मार्कशीट को ओके रिपोर्ट भी दे दी। मुजफ्फर नगर में साक्षात्कार के पूर्व क्षेत्र के जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा मार्कशीट का मिलान किया जा रहा था। इसमें करीब पचास लोग ऐसे निकले, जिनमें मार्कशीट पर सील तो सभी की एक थीं, लेकिन हस्ताक्षर का मिलान नहीं हो पा रहा था। इसकी शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी ने मुजफ्फर नगर के थाने में भी की है। साथ ही 45 मार्कशीटों की जांच के लिए मामला मंडल भेजा गया। मामला गंभीर होने के बाद माशिमं के अध्यक्ष ने एक जांच समिति बना दी। मामले में करीब दो दिन पूर्व सत्यापन शाखा की प्रभारी ऊषा वासनिक व सुश्री राणा रहमान को हटा दिया गया है। इसके बाद प्रभार कमला ताई शेंडे को सौंपा गया है। मामले की पूरी जांच के बाद कार्यवाही की जाएगी। माशिमं में फर्जी मार्कशीट के ओर भी कई मामले हैं जोकि धीरे-धीरे जल्द सामने बाहर आएंगे। माशिमं के सूत्रों का कहना है कि मंडल में कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी मार्कशीट बना दी जाती है। बाद में सत्यापन शाखा से ओके रिपोर्ट दी जाती है। जबकि कंप्यूटर सेक्शन का रिकार्ड बिल्कुल अलग होता है। पूरे मामले पर अध्यक्ष राकेश बंसल से बात करनी चाही, तो उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला। मंडल सदस्य का भी नाम फर्जी मार्कशीट के मामले में एक मंडल सदस्य का नाम भी सामने आ रहा है। मुजफ्फरपुर से एक व्यक्ति सभी मार्कशीट एक साथ सत्यापन के लिए लाया था। उक्त व्यक्ति का काम जल्दी कराने के लिए एक मंडल सदस्य द्वारा माशिमं अधिकारियों पर दबाव बनाया जा रहा था। डी-एड सेल पर भी उठी उंगली माध्यमिक शिक्षा मंडल की विद्योचित शाखा के अंतर्गत आने वाले डी-एड सेल पर भी ऊंगलियां उठने लगी है। विद्योचित शाखा का संचालक प्रतिनियुक्ति पर आए आरएस शर्मा को बनाया है। श्री शर्मा सहायक प्राध्यापक हैं। जबकि संचालक का पद प्रथम श्रेणी के अधिकारी के लिए होता है। श्री शर्मा को प्रथम श्रेणी अधिकारी की सभी सुविधाएं मिल रही हैं। जबकि मंडल के राधा बाथम, सीता सनोटिया, सूर्य किरण अवस्थी जैसे प्रथम श्रेणी के अधिकारी को कोई सुविधा नहीं है। डी-एड सेल में ही प्रतिनियुक्ति पर आए अधिकांश कर्मचारी काम कर रहे हैं(दैनिक जागरण,भोपाल,23.12.2010)।

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