प्री इंजीनियरिंग टेस्ट (पीईटी) देने के बाद भी इंजीनियर बनने से चूक रहे ओपन स्कूल के छात्र-छात्राओं की किस्मत ने अंतत: जोर दिखा ही दिया। देर से ही सही लेकिन ओपन स्कूल से बारहवीं करने वालों को भी इंजीनियरिंग कालेजों में प्रवेश मिलने जा रहा है। जरिया बने हैं लेटरल एंट्री के लिए खोले गए दरवाजे। इनके लिए कालेज स्तर पर विशेष काउंसलिंग 28 से 31 दिसंबर तक आयोजित की जाएगी। तकनीकी शिक्षा विभाग ने इस संबंध में शुक्रवार को आदेश जारी कर दिए हैं। इसमें मप्र राज्य ओपन स्कूल से 12वीं करने वाले छात्रों के लिए इंजीनियरिंग कालेजों में 31 दिसंबर तक प्रवेश की अनुमति दी गई है। ओपन की बारहवीं पास छात्रों के लिए कालेज स्तर पर 28 से 30 दिसंबर तक विशेष काउंसलिंग की जाएगी। पहले चरण में पीईटी के अंकों के आधार पर प्रवेश दिए जाएंगे। इसके बाद रिक्त एवं छोड़ी गई सीटों के लिए उम्मीदवारों को ओपन स्कूल परीक्षा के अंकों के आधार पर प्रवेश दिए जाएंगे। इस विशेष काउंसलिंग के लिए विज्ञापन भी कालेजों द्वारा ही प्रकाशित कराए जाएंगे। छात्र-छात्राओं को कालेजों में ही सीधे आवेदन करना होगा। ओपन स्कूल की परीक्षा में बैठे सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने भी पीईटी में फार्म भरा था। मगर ओपन स्कूल की बारहवीं का रिजल्ट ही 31 अक्टूबर तक नहीं आ सका था। इससे यह विद्यार्थी पीईटी में अच्छे नंबर लाने के बाद भी काउंसलिंग में शामिल नहीं हो सके। रिजल्ट की आड़ लेकर तकनीकी शिक्षा विभाग ने ओपन स्कूल से पिछले वर्षो में उत्तीर्ण छात्रों को भी काउंसलिंग से अलग कर दिया था। रिजल्ट आने के बाद ये छात्र लगातार विभाग के चक्कर काट रहे थे, लेकिन विभाग के अधिकारी 31 अक्टूबर को प्रवेश की तिथि खत्म होने का हवाला देते रहे। हाल ही में राज्यपाल ने लेटरल एंट्री के लिए तकनीकी पाठ्यक्रमों में प्रवेश की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 दिसंबर की है। वहीं कालेजों में भी इंजीनियरिंग की सीटें बड़ी संख्या में खाली हैं। इसे देखते हुए विभाग ने ओपन स्कूल के छात्रों के लिए भी दरवाजा खोल दिया है। इससे कालेजों को भी अपनी खाली सीटें भरने का एक और मौका मिल जाएगा। मगर उन छात्रों के सामने हाथ मलने की स्थिति बन सकती है जिनके रिजल्ट ओपन स्कूल ने घोषित करने के बाद रोक रखे हैं(दैनिक जागरण,भोपाल,25.12.2010)।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।