भारत और रूस देश एक दूसरे के सहयोग से विकास के नए आयाम स्थापित करेंगे। इसके तहत रूस एचपी यूनिवर्सिटी के हिमालयन संस्थान के साथ मिलकर कृषि के अलावा कई अन्य विषयों पर भी शोध करेगा। इसके लिए सोमवार को यूनिवर्सिटी में एचपीयू के वीसी एसके गुप्ता और रूस की अलताई कृषि यूनिवर्सिटी के निदेशक प्रो. सरगईवी नार्कचेन ने एक संयुक्त शोध अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। इस मौके पर गुप्ता ने कहा दोनो संस्थान विषयगत क्षेत्रों की पहचान कर उन पर शोध कार्य करेंगे। इसे लेकर दोनों यूनिवर्सिटी के बीच कई महत्वपूर्ण सूचनाओं का आदान—प्रदान जारी रहेगा। इस दौरान संस्कृति, जैव विविद्यता, जैव विविद्यता से संबधित संस्थानों के नियमों, नीतियों को समझना, आधुनिक तकनीक से कार्य करना आदि मुद्दों को लेकर मिलकर शोध करना भी प्रमुख रहेगा। इस अवसर पर रूस यूनिवर्सिटी के निदेशक सरगईवी ने इस अनुबंध को दोनों देशों को एक दूसरे को समझने के लिए अच्छा मौका बताया है। हिमालयन संस्थान के निदेशक एसपी बंसल का कहना है कि इस अनुबंध के माध्यम से हिमालय विकास में एक नया अध्याय जुड़ेगा। हिमालय विकास के साथ—साथ यह प्रदेश के छात्रों के भावी भविष्य के लिए एक अच्छी पहल है।
इस तरह के शोध से दोनों देशों के छात्र एक दूसरे की यूनिवर्सिटी से नई जानकारियां ग्रहण करेंगे। उन्होंने कहा कि देश व छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए भविष्य में इस तरह के ओर अनुबंधों करने के बारे में विचार किया जाएगा।
महत्वपूर्ण जानकारियों का होगा आदान-प्रदान
शिमला. शोध कार्य के चलते ग्लेशियरों के वर्तमान स्वरूप, जल संसधनों पर गहन मंथन, कृषि उर्वरता, कृषि संबंधित विविध प्रणालियां पर भी कार्य किया जाएगा। इसके साथ दोनों देशों के सांस्कृतिक, आध्यतिमक आधार, हिमालय के रीति —रिवाज को गहराई से समझा जाएगा(दैनिक भास्कर,शिमला,9.12.2010)।
चलिये कुछ तो हमारे पास है जिस पर गर्व किया जा सके। धन्यवाद।
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