जेल में सजा काट रहीं इंटरमीडिएट पास महिला कैदी अब शिक्षिका बनेंगी। ये महिला कैदियों के साथ जेल में रहे उनके तीन से छह वर्ष तक के बच्चों को पढ़ाएंगी। बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार में योजना की शुरुआत हो चुकी है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत यह योजना रांची समेत प्रदेश के 18 जिलों में चलाई जाएगी। इसका संचालन झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद करेगा। परिषद पूर्व बालपन केंद्र के संचालन के लिए मिले फंड से बची राशि से योजना का खर्च निकालेगी।
यहां चलेगी योजना
गिरिडीह, दुमका, जामताड़ा, रांची, गोड्डा, साहेबगंज, खूंटी, गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा, पलामू, लातेहार, गढ़वा, हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा, चतरा और सरायकेला
समिति करेगी चयन
शिक्षिका का चयन पांच सदस्यों की एक चयन समिति करेगी। महिला कैदियों को जिन कमरों में रखा गया है, उसे आनंदायीशाला का रूप दिया जाएगा। इन्हीं कमरों में बच्चों को पढ़ाया जाएगा। बच्चों को यूनिफॉर्म भी दिया जाएगा। इतना ही नहीं महिलाएं अवसादग्रस्त न हों, इसके लिए उनकी काउंसिलिंग की व्यवस्था भी होगी।
निर्देश जारी
शिक्षा परियोजना के निदेशक विनय कुमार चौबे ने संबंधित जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। उन्होंने कहा है कि वित्तीय वर्ष 2010-11 में पूर्व बालपन केंद्र के संचालन के लिए 5,679 लाख रुपए उपलब्ध हैं। इससे बची हुई राशि का इस्तेमाल सजायाफ्ता और विचाराधीन कैदियों के बच्चों की शिक्षा पर किया जाएगा।
रांची केंद्रीय कारा में योजना की शुरुआत एक सप्ताह पूर्व हो चुकी है। यहां तीन से छह वर्ष तक के आठ बच्चे हैं, जिन्हें शिक्षा दी जा रही है-दीपक विद्यार्थी, काराधीक्षक, बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार, रांची(अमित राजा,दैनिक भास्कर,गिरीडीह,23.12.2010)
टिप्पणीःब्लॉग चौपाल वाले राजकुमार ग्वालनी जी ने इस पोस्ट की चर्चा दिनांक 25.12.2010 के मंच पर की है जिसका लिंक यहां है।
टिप्पणीःब्लॉग चौपाल वाले राजकुमार ग्वालनी जी ने इस पोस्ट की चर्चा दिनांक 25.12.2010 के मंच पर की है जिसका लिंक यहां है।
यह बहूत अच्छा कदम है इससे महिलाओं का आत्म विश्वाश बढेगा
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