राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति बीएल शर्मा ने कहा है कि कॉलेज उपस्थिति-अनुपस्थिति सहित अन्य डाटा भेजने में काफी गलतियां कर रहे हैं।
1980-81 में सीकर में विधि कॉलेज में व्याख्याता रह चुके कुलपति ने व्याख्याताओं को सीख देते हुए सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन करने की बात कही। वे गुरुवार को सीकर व झुंझुनूं के निजी कॉलेज प्राचार्यो की बैठक लेने के लिए एसके कॉलेज पहुंचे। शर्मा पहले कुलपति हैं जो यहां कॉलेज प्राचार्यो की बैठक लेने के लिए आए। शर्मा ने दो सत्रों में बैठक ली और समस्याएं सुनने के साथ परीक्षा परिणाम में हो रही देरी के कारणों पर भी चर्चा की। कुलपति ने परीक्षा परिणाम जल्द लाने के लिए एसके कॉलेज के व्याख्याताओं से सहयोग मांगा।
इससे पहले एसके कॉलेज प्राचार्य डा. ओपी बंसिया ने कुलपति का स्वागत किया। बैठक के बाद कुलपति ने राजकीय विधि कॉलेज के शिविर में भी शिरकत की। परीक्षा परिणाम व पुनर्मूल्यांकन परिणाम फरवरी तक आता है? कुलपति बोले कि इस सत्र से परीक्षा परिणाम में आपको काफी सुधार देखने को मिलेगा। कॉपियां चेक करने के लिए आती है तो किसी व्याख्याता के पास एक बंडल नहीं होता तो किसी के पास छह-छह बंडल आ जाते हैं। सवाल पर कुलपति बोले कि गाड़ी का पैसा बचाने के चक्कर में ऐसा होता होगा।
इसमें सुधार करेंगे। प्रेक्टिकल एग्जाम में भी काफी समस्याएं हैं। कुलपति का जवाब था कि एग्जाम सेक्शन की बैठक बुलाकर चर्चा की जाएगी। संबद्धता फीस की मांग उठाने पर कुलपति ने कहा कि कॉलेज फीस बढ़ने से होने वाली असुविधाओं के बारे में नहीं बताया जा रहा है। मुझे कारण बताए जाएं तो मैं सिंडीकेट की बैठक में यह बात रख सकूंगा। राजस्थान प्रदेश निजी कॉलेज संघ ने निजी कॉलेजों की संबद्धता फीस कम करने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया। अध्यक्ष नवरंग चौधरी ने बताया कि उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो विवि में धरना दिया जाएगा।
फिर भी उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो फीस बढ़ा दी जाएगी। इधर, एसएफआई कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए बैठक में घुस गए। इस दौरान पुलिस भी बुला ली गई। छात्रसंघ अध्यक्ष धर्मवीर कुड़ी ने बताया कि पुनर्मूल्यांकन का परिणाम समय पर घोषित करने, दीक्षांत समारोह के नाम पर लूट बंद करने, प्रशासनिक भवन को कम्प्यूटरीकृत करने, परीक्षा शुल्क वूद्धि वापस लेने सहित मांग को लेकर ज्ञापन दिया गया। वहीं विधि कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष हरिसिंह बाजिया ने विधि स्नातकोत्तर शुरू करने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया।
रिसर्च पेपर जरूर लिखें: कुलपति बीएल शर्मा ने व्याख्याताओं से कहा है कि उत्तर पुस्तिका जांचने में देर न करें। छुट्टियों का भी उपयोग करें। व्याख्याता सामाजिक जिम्मेदारी भी समझें। एक साल में रिसर्च का पेपर जरूर लिखें। इससे डाटा इकट्ठा होगा। एग्जाम कॉपी जांचने की फीस व्याख्याताओं को समय पर मिले, इसके लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।
पीएचईडी केजी से भी आसान: कुलपति बोले कि पीएचईडी तो आजकल केजी से भी ज्यादा आसान हो गई है। हर कोई पीएचईडी किसी भी तरह कर लेता है। विधि कॉलेजों में पीएचईडी के लिए व्याख्याता ही नहीं मिल रहे हैं। कुलपति ने कहा कि फिलहाल छह महीने तो मुझे विश्वविद्यालय में सेटल होने में ही लग जाएंगे। फिलहाल तो हर कोई मुझे अपनी तरफ खींचने की कोशिश करने में लगा है(दैनिक भास्कर,सीकर,25.12.2010)।
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