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01 दिसंबर 2010

झारखंडःदाखिले के लिए जन्म प्रमाण-पत्र में हेरफेर के लिए दलाल सक्रिय

रांची नगर निगम में स्कूलों में नामांकन को ले जन्म निबंधन कार्यालय के आसपास जन्म प्रमाण-पत्र बनाने वाले दलाल सक्रिय हैं। विभागीय अधिकारियों का इस ओर ध्यान भी अभी तक नहीं गया है। जाए भी कैसे, जब निगम के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से ही चांदी काट रहे हैं दलाल। कुछ दलालों से बातचीत करने पर उन्होंने सपाट शब्दों में कहा कि चोरी तो नहीं कर रहे। जिनके पास समय नहीं है उनका काम कर एक तरह से उनकी मदद ही कर रहे हैं। मेहनत कर कमा रहे हैं, इसमें गलत क्या है। निगम को सभी आवश्यक कागजात उपलब्ध करा देते हैं और तैयार हो जाता है जन्म प्रमाण-पत्र। ये सारी बातें निगम परिसर के अंदर एक एजेंट ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताई।

प्रस्तुत है उससे की गई बातचीत के कुछ अंश। स्थान रांची नगर निगम, समय अपराह्न 2:00 बजे। बहुत देर से जन्म-मृत्यु निबंधन कार्यालय के सामने घूमते देख एक एजेंट आता है।
एजेंट : क्या बात है आप बहुत देर से यहां घूम रहे हैं, क्या सर्टिफिकेट बनवाना है?
रिपोर्टर : हां, बच्चे का जन्म प्रमाण-पत्र बनाना था।
एजेंट : बच्चे की उम्र कितनी है?
रिपोर्टर : चार साल।
एजेंट : तब तो निगम के साथ एसडीओ आफिस का चक्कर लगाने के साथ कोर्ट से एफिडेविट भी कराना पड़ेगा। आपको तो महीना दिन लग जाएगा।
रिपोर्टर : हमें तो जल्दी चाहिए।
एजेंट : जल्दी भी बन जाएगा, पर खर्च थोड़ा ज्यादा लगेगा।
रिपोर्टर : कितना लगेगा?
एजेंट : यही करीब 800 रुपए।

रिपोर्टर : आप तो बहुत ज्यादा खर्च बता रहे हैं।एजेंट : तब काटिए नगर निगम, कोर्ट और एसडीओ ऑफिस के चक्कर। एक महीने भी बन जाए तो खुशकिस्मत समझिएगा। (कहते हुए जाने लगता है)
रिपोर्टर : (एजेंट को रोकते हुए) अच्छा ठीक है कुछ तो कम करो।
एजेंट : देखिए सर, एफिडेविट बनाने में करीब 70 से 100 रुपए लगते हैं। एसडीओ आफिस में बिना दिए काम नहीं होगा, वहां 200 रुपए और यहां भी कर्मचारियों को सौ दो सौ देना पड़ता है। अब आप ही बताइये इतना दौड़-धूप कर आपका एक सर्टिफिकेट बनवा कर देंगे। दो-तीन दिन लगेगा। यदि मेहनत कर आपसे तीन दिन में तीन सौ रुपए नहीं कमाएंगे तो हमारा घर इस महंगाई में कैसे चलेगा।
रिपोर्टर : ठीक है दो दिन बाद मैं आउंगा। कहीं कोई जाली सर्टिफिकेट मत दे देना।
एजेंट : (हंस कर कहता है) क्या बात करते हैं सर, एक दिन का काम नहीं है। कई लोगों को बनाकर दिया है। पक्का काम होता है, कर्मचारियों को उनका हिस्सा देता हूं, मेहनत करता हूं। तभी तो आप लोग से पैसा लेता हूं। यदि कोई हमारे बनाए सर्टिफिकेट पर उंगली उठा दे तो मेरे नाम पर आप .. पोस लेना(दैनिक जागरण,रांची,1.12.2010)।

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