नौकरी और प्रमोशन पाने, शादी-समारोह में शामिल होने, प्रियजन का गिफ्ट पाने, शेयर कंपनियों से करोड़ों कमाने और न जाने किस-किस तरह के हजारों के सपने डाक विभाग की बोरियों में दम तोड़ रहे हैं। जी हां, कैंट स्टेशन स्थित आरएमएस में हफ्ते भर से स्पीड पोस्ट की बोरियों का अंबार लगा हुआ है। इसमें नौकरी के ऐसे आवेदनपत्र भी हैं, जिनके पहुंचने की तिथि समाप्त हो चुकी है या फिर समाप्त होने वाली है। इससे दस हजार से अधिक युवाओं का करियर दांव पर लग गया है।
कूरियर कंपनियों का वर्चस्व तोड़ने के लिए डाक विभाग द्वारा कई साल पहले स्पीड पोस्ट सेवा शुरू की गई थी, जो अब लोगों के लिए सिर दर्द बनने लगी है। विभागीय लापरवाही, संसाधन और कर्मचारियों की कमी के कारण कैंट स्टेशन के आरएमएस में एक हफ्ते से सात सौ बोरी से अधिक डाक डंप पड़ी हुई है। जबकि नियमानुसार स्पीड पोस्ट द्वारा भेजे गए पत्र ४८ से ७२ घंटे के अंदर संबंधित व्यक्ति या कार्यालय को मिल जाना चाहिए। सूत्रों के अनुसार रविवार की शाम को 26 और 27 जनवरी की बोरियां छटनी के लिए खोली गई हैं। इस बारे में सीनियर सुपरिंटेंडेंट आफ पोस्ट मास्टर एसएस मिश्रा से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि आरएमएस की कंट्रोलिंग इलाहाबाद में है, इसलिए वह कुछ नहीं बता सकते।
क्यों आ रही है समस्याः
स्पीड पोस्ट सर्विस को केंद्रित करने के लिए लगभग एक महीना पहले वाराणसी के आरएमएस समेत देश में ७७ हब सेंटर बनाए गए थे। जौनपुर, ज्ञानपुर, चंदौली, आजमगढ़, गाजीपुर, बलिया, मऊ एवं देवरिया समेत एक दर्जन जिले वाराणसी हब सेंटर से जोड़े गए हैं। इन जिलों में बुक होने वाली स्पीड पोस्ट पहले वाराणसी आती है। यहां छटनी होने, इंटरनेट पर डिस्पैच होने के बाद बोरियों में भरकर गंतव्य के लिए रवाना की जाती है। इसी प्रकार देश के किसी कोने अथवा विदेश से इन जिलों के लिए आने वाली स्पीड पोस्ट डाक भी पहले वाराणसी पहुंचती है और संपूर्ण प्रक्रिया के बाद इन जिलों को भेजी जाती है। इतना ही नहीं बिहार, बंगाल, असम और झारखंड की ओर से आने वाली पूरे प्रदेश की स्पीड पोस्ट डाक पहले यहीं आती है। उसके बाद सभी जिलों को भेजी जाती है। अचानक काम तो कई गुना बढ़ गया, लेकिन कर्मचारियों की संख्या और संसाधन नहीं बढ़ाए गए। इससे यह विकराल समस्या आ रही है। सूत्रों के अनुसार आरएमएस में लगभग १२० पद पर लगभग ८० बाबू और १४५ की बजाय लगभग १०० मेल मैन ही काम कर रहे हैं। केवल चार कम्प्यूटर और चार स्कैनर हैं, जो काफी पुराने और खराब होने के कारण ठीक से काम नहीं कर रहे। जबकि स्पीड पोस्ट का सारा काम कंयूटर पर ही निर्भर है।
डंप डाक में हैं युवाओं का भविष्य
इन बोरियों में रेलवे, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, सिंचाई विभाग झांसी, औद्योगिक मिशन ग्रामीण कल्याण समिति दिल्ली और गवर्नमेंट बालिका कालेजों में एलटी ग्रेड शिक्षिकाओं समेत विभिन्न विभागों में नौकरी के आवेदनपत्र हैं। इसमें आईटीबीपी का आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि ३१ जनवरी है, ऐसे ही सिंचाई विभाग झांसी और औद्योगिक मिशन ग्रामीण कल्याण समिति का भी फार्म अंतिम तिथि तक नहीं पहुंच पाएगा। साथ ही निमंत्रण कार्ड, एलआईसी और निजी बीमा कंपनियों तथा विभिन्न कारपोरेट कंपनियों के पत्र, शेयर होल्डरों के पत्र और गिफ्ट आइटम भी हैं(अमर उजाला,वाराणसी,31.1.11)।
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