प्रदेश में कक्षा एक से दस तक के विद्यार्थियों को कम्प्यूटर शिक्षा मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार ने आईसीटी प्रोजेक्ट तो शुरू कर दिया, लेकिन चौंकाने वाले हालात यह है कि राज्य के 62 हजार 36 स्कूलों में बिजली कनेक्शन तक नहीं है।
योजना पर प्रत्येक स्कूल पर सालाना डेढ़ लाख रुपए भी बर्बाद किए जा रहे हैं। अंधेरे में चल रहे आईसीटी प्रोजेक्ट के बाद हाल ही में सरकार ने एक और योजना भी बंद कमरों में बैठकर बना दी है। मकसद है, राज्य की 4500 स्कूलों को ऑनलाइन करना। सवाल यह उठता है कि आखिर जिन स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए पंखे तक नहीं चलते उनको किस आधार पर ऑनलाइन किया जाएगा।
बिजली कनेक्शन के अभाव में स्कूलों को भेजे गए दस-दस कम्प्यूटर डिब्बों में ही बंद पड़े हैं। अगर किसी स्कूल में ग्रामीणों के सहयोग से बिजली कनेक्शन हुआ भी तो बिजली बिल भरने और पूरे समय बिजली नहीं रहने से योजना का फायदा विद्यार्थियों को नहीं मिल पाया। खास बात यह भी है कि जिन स्कूलों में बिजली कनेक्शन हुए भी तो वहां पर पढ़ाने के लिए शिक्षक ही नहीं पहुंचे।
विधानसभा में उठा सवाल लेकिन नहीं बदले हालात: सरकारी स्कूलों में बिजली नहीं होने पर विधानसभा में भी सवाल उठ चुका है। हालांकि शिक्षा मंत्री ने उस वक्त जल्द ही बिजली कनेक्शन कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन एक साल गुजरने के बाद भी हालात नहीं बदले। प्रदेश में उच्च प्राथमिक स्तर के 19 हजार 889 तथा 42 हजार 147 माध्यमिक स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं है। हैरानी की बात यह है कि मुख्यमंत्री के गृह जिला जोधपुर की 2100 स्कूलों में बिजली नहीं है। इसी तरह जयपुर के 100, नागौर के 149, करौली के 138, झालावाड़ के 122, अलवर के 104, धौलपुर के 106 व भरतपुर के 120 माध्यमिक स्कूलों में बिजली कनेक्शन का इंतजार हो रहा है।
पहला चरण अंधेरे में, दूसरे की तैयारी: कक्षा दस तक के विद्यार्थियों को कम्प्यूटर नॉलेज देने के लिए आईसीटी प्रोजेक्ट के पहले चरण में 100 स्कूलों को चुना गया है। दूसरे चरण में 110 स्कूलों का चयन किया जा चुका है। जबकि सीकर जिले के 111 माध्यमिक स्कूलों में बिजली ही नहीं है। शिक्षा विभाग के मुताबिक, पहले चरण के 11 स्कूलों में अभी तक शिक्षक ही नहीं आए है। वहीं कई स्कूलों में कम्प्यूटर लैब ही तैयार नहीं हो पाई है।
सीकर के 3411 स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं: जिले के 111 माध्यमिक और 3300 उच्च प्राथमिक स्तर की स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं है। लक्ष्मणगढ़ के 13, फतेहपुर के पांच, पिपराली के 15, धोद के 18, नीमकाथाना के 16, श्रीमाधोपुर के 10, दांतारामगढ़ के 13 व खंडेला के 11 माध्यमिक स्कूलों में बिजली कनेक्शन सालों बाद भी नहीं हो पाए हैं।
गंभीर है, दिखवाएंगे: बिजली कनेक्शन नहीं होने के कारण कई स्कूलों में कम्प्यूटर नहीं लग पाए हैं। कनेक्शन के लिए स्कूलों को पैसे दिए गए हैं। अनुदेशक नहीं होने की शिकायत भी मिली है। गंभीर मामला है। व्यवस्था के लिए शिक्षा अधिकारियों को लिखा जाएगा। - भास्कर ए. सांवत, आयुक्त, माध्यमिक शिक्षा
हां, ज्यादातर स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं हैं। इसके लिए स्कूलों में जनरेटर की व्यवस्था की जा रही है। जिन स्कूलों में पढ़ाने वाले नहीं है, वहां के लिए संबंधित कंपनी को लिखा जाएगा। - बिरदासिंह रावत, जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक प्रथम, सीकर(अरविन्द शर्मा,दैनिक भास्कर,सीकर,12.1.11)
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