राज्य के 14 सरकारी मेडिकल कालेजों में अगले शैक्षणिक सत्र से एमबीबीएस की 700 सीटें बढ़ जाएंगी। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने इसके लिए अपने सीटों के आवंटन संबंधी नियम थोड़ा शिथिल किया है।
महाराष्ट्र आरोग्य विद्यापीठ, नाशिक के कुलपति डॉ. अरुण जामकर ने भास्कर से विशेष बातचीत में यह जानकारी दी। डा. जामकर ने बताया कि नागपुर मेडिकल कालेज को 2015 तक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के समकक्ष विकसित करने के लिए केन्द्र सरकार ने 125 करोड़ और राज्य सरकार ने 25 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं।
इस कार्य में आरोग्य विद्यापीठ की ओर से मेडिकल कालेज को पूरा सहयोग मिलेगा। मेडिकल कालेज प्रशासन इस निधि का सदुपयोग करते हुए 100 से अधिक उप विभाग विकसित कर सकता है। विश्वविद्यालय इन उप विभागों में अध्ययन करने वाले वैद्यकीय विद्यार्थियों को फेलोशिप देने को तैयार है।
दंत महाविद्यालय में राष्ट्रीय कार्यशाला
शासकीय दंत महाविद्यालय के दंत विकृति शास्त्र विभाग द्वार पॉलीमर चेन रिएक्शन (पीसीआर) तकनीक पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन शनिवार सुबह महाराष्ट्र आरोग्य विद्यापीठ के कुलपति डॉ. अरुण जामकर ने किया। कार्यशाला में मध्य भारत के 14 दंत महाविद्यालयों के 80 से अधिक दंत विशेषज्ञ शामिल हुए।
शासकीय दंत महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. विनय हजारे, दंत विकृति शास्त्र विभाग की प्रोफेसर और विभाग प्रमुख डॉ. सिंधु गणवीर और प्रीजेन जेनिटिक्स के प्रमुख डॉ. शिवकुमार चौहान कार्यशाला के मुख्य मार्गदर्शक हैं। नीरी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अत्या कपले ने भी कार्यशाला में शामिल दंत विशेषज्ञों का मार्गदर्शन किया।
उन्होंने कहा कि आज के चिकित्सकों में मानवीय संवेदनशीलता की कमी होती जा रही है। यह समाज के लिए घातक है। एमबीबीएस और पीजी विद्यार्थियों को और अधिक संवेदनशील बनाने, मरीजों के साथ बेहतर संवाद विकसित करने की कला और सामाजिक जिम्मेदारियों से अवगत कराने के लिए विश्वविद्यालय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू कर रहा है। इसके लिए 50 लाख रुपए का बजट रखा गया है।
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के विकास के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप को बढ़ावा देने की नीति अपनाई गई है। निजी अस्पतालों के सहयोग से सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में एक साल एमसीएच डीएम पाठच्यक्रम विकसित किया जाएगा(दैनिक भास्कर,नागपुर,30.1.11)।
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