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20 जनवरी 2011

रिज्यूमे की लंबाई

चाहे आप फ्रेशर हों या करियर में बदलाव करना चाहते हों नौकरी तलाशने की प्रक्रिया का सबसे पहला कदम रिज्यूमे बनाना या उसे अपडेट करना होता है। रिज्यूमे से जुड़े दो पहलू हैं कि क्या और कितनी सूचनाओं को शामिल किया जाए। इससे आप अपने रिज्यूमे की लंबाई निर्धारित कर सकेंगे।

आकर्षक शुरुआत: रिकूट्रर के पास आने वाले बहुत से रिज्यूमे में एक आपका भी होगा। निश्चित रूप से आप चाहेंगे कि इंटरव्यू के लिए बुलाने वालों की लिस्ट में रिकूट्रर आपका नाम भी शामिल करे। ऐसे में आपका रिज्यूमे पहली नजर में रिक्रूटर को भाने वाला होना चाहिए। पेज की शुरुआत रुचिकर और सारपूर्ण प्रोफेशनल उद्देश्य से करें। उसके बाद अपने प्रोफेशनल प्रोफाइल से जुड़ी स्किल्स को लिखें। एक फ्रेशर के रिज्यूमे में कार्य अनुभव के बारे में लिखने की कम गुंजाइश होगी। ऐसे में एक पेज का रिज्यूमे जिसमें करियर उद्देश्य और अर्हताएं शामिल हों, पर्याप्त रहेगा। यदि आप कुछ साल का कार्य अनुभव रखते हैं तो नौकरी संबंधी जिम्मेदारियों और पूर्व नियोक्ता के पास अपनी उपलब्धियों को रिज्यूमे में लिखें। कुछ समय का कार्यअनुभव रखने वाले उम्मीदवारों के रिज्यूमे में फ्रेश ग्रेजुएट की तुलना में अधिक सूचनाएं होंगी। ऐसे में रिज्यूमे की लंबाई दो से तीन पेजों तक हो सकती है।


सारपूर्ण और महत्वपूर्ण सूचनाएं: नौकरी से जुड़ीमहत्वपूर्ण सूचनाओं को अवश्य शामिल करें। अनावश्यक सूचनाएं न सिर्फ आपके रिज्यूमे को बोझिल बनाती हैं, बल्कि आपके स्तर पर फोकस भी कमी भी इससे जाहिर होती है। आपके रिज्यूमे को देखकर रिकूट्रर को आपकी वास्तविक क्षमताओं, जॉब से जुड़ी आपकी स्किल्स और आप उनके लिए किस तरह बेहतर साबित हो सकते हैं, इस संबंध में स्पष्ट जानकारी मिलनी चाहिए। जैसे-जैसे आप अपने करियर क्षेत्र में आगे बढ़ेंगे, जाहिर है आपका कार्य और उससे जुड़ी जिम्मेदारियां भी बढ़ेंगी। काम से जुड़ी जिम्मेदारियों को प्रमुखता से उभारें। खासतौर पर बिल्कुल प्रारंभ की कंपनियों और अनुभव आदि सब लिखने की जगह अपनी हाल की पूर्व जॉब और प्रोफाइल के बारे में अधिक लिखें। ऐसी सूचनाएं लिखें जो रिक्रूटर पर सकारात्मक प्रभाव छोड़ेंगी।(हिंदुस्तान,दिल्ली,18.1.11)

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