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13 जनवरी 2011

दिल्ली जल बोर्ड में मिलेगा फ्रेश इंजीनियरों को मौक़ा

दिल्ली जल बोर्ड फ्रेश टैलंट को बढ़ावा देने के लिए यंग और फ्रेश इंजीनियर्स को मौका दे रहा है। पहली बार कॉलेज से पास आउट इंजीनियर्स को सीधे जल बोर्ड का कॉन्ट्रेक्ट मिल सकेगा। जल बोर्ड का मानना है कि यंग और फ्रेश इंजीनियर्स अपने साथ नए आइडिया लेकर आएंगे। इससे कॉम्पिटिशन बढ़ेगा और क्वॉलिटी में भी सुधार होगा।

अब तक जल बोर्ड की कॉन्ट्रेक्टर लिस्ट में कई सालों के एक्सपीरियंस वाले लोग ही शामिल होते थे और यंग टैलंट को यहां मौका नहीं मिल पाता था, लेकिन अब जल बोर्ड ने एक अहम फैसला किया है। इसके तहत बिना एक्सपीरियंस के लोग भी अलग अलग कामों के लिए बिडिंग प्रोसेस में हिस्सा ले सकते हैं। किसी भी मान्यता प्राप्त इंजीनियरिंग कॉलेज से ग्रेजुएट बिना किसी एक्सपीरियंस के सीधे कॉन्ट्रैक्ट के लिए अप्लाई कर सकते हैं। जल बोर्ड के सीईओ रमेश नेगी ने बताया कि लंबे वक्त से फ्रेश आइडिया और टैलंट को लाने की बात हम सोच रहे थे। तब हमने महसूस किया कि अगर प्रीवियस वर्क एक्सपीरियंस नियम को हटा दें तो हम फ्रेश टैलंट को आकर्षित कर सकते हैं, जो काम को नई ऊंचाई तक ले कर जाएंगे। इसी वजह से यह फैसला किया गया। अब इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल और सिविल इंजीनियरिंग फील्ड के ग्रेजुएट यूथ जल बोर्ड के कॉन्ट्रैक्ट के लिए बिड कर सकते हैं। कॉन्ट्रैक्टर के तौर पर अपना नाम बोर्ड के साथ दर्ज कराने के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। कोई भी व्यक्ति जिसने 31 मार्च 2011 तक 50 पर्सेंट अंकों के साथ इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन पूरा किया है वह इसके लिए आवेदन कर सकता है। एक्सपीरियंस का कोई रूल नहीं है। 

नेगी ने बताया कि यंग टैलंट के साथ ही नए टैलंट को भी मौका दिया जा रहा है। नए ऑर्डर के मुताबिक कोई भी शख्स जिसने कभी कोई कॉन्ट्रैक्ट पर काम नहीं किया हो, वह भी 50 हजार रुपये बतौर सिक्युरिटी मनी डिपॉजिट कर 2 साल के लिए प्रोवीजनल कॉन्ट्रैक्टर हो सकता है। इसका अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। एक हफ्ते के भीतर ही 12 नए लोग सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि नए लोगों के आने से हमेशा सुधार होता है। कॉन्ट्रैक्टर काफी जिम्मेदारी का काम संभालते हैं, इसलिए अच्छे को और बेहतर बनाने के लिए नए आइडिया जरूरी होते हैं। इससे दोहरा फायदा होगा। यंग इंजीनियर्स को रोजगार का मौका मिलेगा। साथ ही काम में भी नयापन आएगा। इससे पुराने कॉन्ट्रैक्टर्स की मोनोपोली नहीं रहेगी और कॉम्पिटिशन बढ़ने से सिस्टम सुधरेगा। नेगी ने कहा कि हम नए कॉन्ट्रैक्टर्स को सीआईआई और श्रीराम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल रिसर्च में ट्रेनिंग भी दिलवाएंगे(पूनम पांडे,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,12.1.11)।

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