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22 जनवरी 2011

यूपीःरिटायरमेंट के बाद भी खत्म नहीं होगी परिवहनकर्मियों की नौकरी

परिवहन निगम के कर्मचारियों की नौकरी रिटायरमेंट के बाद भी समाप्त नहीं होगी। वह पहले की तरह काम करते रहेंगे। फर्क इतना होगा कि इस दूसरी पारी में वह दैनिक वेतनभोगी कर्मी होंगे। माना जा रहा है कि बसों और बस अड्डों का निजीकरण करने में कर्मचारियों का विरोध आड़े आने के बाद शासन ने यह तरीका अख्तियार किया है। इस नई व्यवस्था में बाबू से लेकर एमडी तक की भर्ती की जाएगी। इसके तहत एक से दो वर्ष का कांट्रैक्ट करने की योजना बनाई गई है। इस संबंध में शीघ्र ही प्रदेश के सारे क्षेत्रीय कार्यालयों में मुख्यालय की ओर से आदेश जारी कर दिया जाएगा।


शासन इस नीति से विभाग का निजीकरण करने की योजना को अमलीजामा पहनाना चाहता है। इससे उसे निजीकरण करने के लिए कर्मचारियों का विरोध नहीं झेलना पड़ेगा। दूसरी ओर उसे अनुभवी कर्मचारी आसानी से मिल जाएंगे। वहीं अधिकारियों और कर्मचारियों को भी पेंशन के साथ बैठे-बिठाए काम मिल जाएगा। विभाग भी उनको फंड, बोनस, पेंशन, बीमा कराने आदि सुविधाएं देने के लिए बाध्य नहीं होगा। प्रबंधन जब चाहेगा, उनको बाहर का रास्ता दिखा देगा। इससे उस कर्मचारी से उनको किसी प्रकार का विरोध नहीं झेलना पड़ेगा। रोडवेज के आरएम एके झा का कहना है हमारा पूरा ध्यान यात्रियों को पूरी सुविधा दिलाने का है। शासन क्या कर रहा है यह वह नहीं बता सकते।

संविदा पर रहेंगे ड्राइवर-कंडक्टर
परिवहन निगम में बसों को चलाने की जिम्मेदारी युवाओं के हाथ में ही होगी। इसके लिए ड्राइवर और कंडक्टरों की संविदा पर भर्ती की जाएगी। परंतु जो स्थाई कर्मचारी काम कर रहे हैं उनको बाहर नहीं किया जाएगा(दैनिक जागरण,इलाहाबाद,22.1.11)।

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