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04 जनवरी 2011

पटना में चल रहा मुजफ्फरपुर का अंबेडकर इंटर कालेज

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सूबे में शिक्षा का स्तर और महादलितों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने के प्रयासों में जुटे हैं। उसी राज्य में संसाधनों की कमी के कारण मुजफ्फरपुर का एकमात्र अंबेडकर माध्यमिक विद्यालय राजधानी पटना के गायघाट में चल रहा है। दरअसल, राज्य सरकार ने मुजफ्फरपुर के मुशहरी प्रखंड के राजवारा गांव स्थित राजकीय अंबेडकर आवासीय बालिका हाईस्कूल को इंटर का दर्जा तो दे दिया, लेकिन परीक्षा के लिए नामांकन का समय आया तो बुनियादी सुविधाओं की कमी बता इसे पटना के अंबेडकर आवासीय बालिका उच्च विद्यालय गायघाट से संबद्ध कर दिया गया। राज्य सरकार के कल्याण विभाग के अधीन संचालित हो रहे इस विद्यालय में फिलहाल पहली से लेकर दसवीं कक्षा तक कुल 248 दलित एवं महादलित की बच्चियां शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। यहां छात्र-छात्राओं को मुफ्त शिक्षा ही नहीं, बल्कि उसके रहने, खाने-पीने, पोशाक आदि की भी व्यवस्था होती है। जिले के इस एक मात्र अंबेडकर आवासीय बालिका उच्च विद्यालय को जब उत्क्त्रमित कर इंटरस्तरीय किया गया तो छात्राओं में खुशी की लहर दौड़ गई, पर जब नामांकन का समय आया तो सरकार के विज्ञापन से दर्जनों छात्राओं की खुशी काफूर हो गई। विज्ञापन में बताया गया कि इंटर में पढ़ने के लिए छात्राओं को पटना जाना होगा। हालांकि, नामांकन मुजफ्फरपुर स्थित विद्यालय के नाम से ही हुआ। यहां से मैट्रिक पास 31 छात्राओं में से 15 ने पटना जाकर इंटर में नामांकन भी कराया, लेकिन पठन-पाठन की लचर व्यवस्था के कारण तकरीबन पचास फीसदी छात्राएं पढ़ाई छोड़कर वापस लौट गई हैं। इन छात्राओं का कहना है कि वहां भी न तो पर्याप्त शिक्षक हैं और न ही रहने की व्यवस्था अच्छी है। मेस की हालत भी खराब है। अंबेडकर आवासीय बालिका उवि राजवारा के प्रधानाध्यापक डा. प्रेम कुमार कहते हैं कि यहां शिक्षक और भवन की कमी के कारण गायघाट पटना में स्कूल को टैग करने की जानकारी मिली। छात्राओं ने वहां नामांकन भी कराया, लेकिन सात-आठ छात्राओं के वापस आने की सूचना है। इस बारे में बात करने पर मुजफ्फरपुर के डीडब्ल्यूओ सुनील कुमार कर्ण ने भी बताया कि इस वर्ष पटना में ही यहां की छात्राओं का नामांकन कराया गया है। ज्ञात हो, बिहार सरकार ने शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए ड्रेस, साइकिल वितरण के साथ ही अव्वल आने वाली छात्राओं को वजीफा देने की योजना चला रखी है(सुजीत कुमार पप्पू,दैनिक जागरण,जालंधर,4.1.11)।

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