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31 जनवरी 2011

यूपीःप्रमोशन में आरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगे

अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कर्मियों को प्रोन्नति में आरक्षण की मांग को लेकर प्रदेश सरकार को छह सूत्री ज्ञापन दिया जाएगा। हाईकोर्ट के इस संबंध में दिए गए आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी भी दायर की जाएगी। यह फैसला रविवार को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कर्मचारी-अधिकारियों के सम्मेलन में लिया गया।
अवधपुरी स्थित एक रेस्टोरेंट में आयोजित सम्मेलन में वक्ताओं ने उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ द्वारा बीती ४ फरवरी को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के प्रमोशन में आरक्षण अधिनियम १९९४ की धारा - ३(७) एवं उत्तर प्रदेश सेवा नियमावली के परिणामी ज्येष्ठता नियम ८ (क) को समाप्त करने पर चिंता जताई। कहा गया कि इससे इस वर्ग के कर्मियों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। ज्वाइंट कमिश्नर (कामर्शियल टैक्स) एचएस गौतम ने बताया कि हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि प्रदेश सरकार जांच कर कानून बना सकती है। अब प्रदेश सरकार को छह सूत्री ज्ञापन देकर इन वर्गों को संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिए कानून बनाने, वन टाइम प्रमोशन, जब तक कानून न बने तब तक विभागीय प्रमोशन न करने, बैकलॉग भरने आदि मांगें की जाएंगी। सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी भी दाखिल की जाएगी(अमर उजाला,कानपुर,31.1.11)।

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