कैलिफोर्निया स्थित ट्राय वैली विश्वविद्यालय द्वारा भारतीय छात्रों के साथ धोखाधड़ी के बाद अमेरिकी प्रशासन ने भी उनसे अमानवीय व्यवहार किया है। प्रशासन ने वीजा धोखाधड़ी के आरोपों का सामना कर रहे छात्रों को टखनों में रेडियो कॉलर पहनने के लिए मजबूर किया ताकि उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। जीपीएस प्रणाली से लैस ये इलेक्ट्रानिक यंत्र आमतौर पर जानवरों को पहनाए जाते हैं। मामले पर नाराजगी जताते हुए भारत सरकार ने अमेरिकी प्रशासन से इन छात्रों के साथ नरमी से पेश आने का आग्रह किया है। उत्तर अमेरिकी तेलुगु संघ के जयराम कोमती ने एक भारतीय न्यूज चैनल से कहा, छात्रों के टखनों में कोई निगरानी प्रणाली लगाई गई है। अमेरिका में जो कुछ भी हुआ उसमें छात्रों की कोई गलती नहीं है। गलती उस विश्वविद्यालय की है जिसने नियम तोड़े। धोखाधड़ी के शिकार हुए एक भारतीय छात्र ने बताया कि विश्वविद्यालय को अचानक बंद कर दिया गया। उसने कहा, हमें नहीं पता कि विश्वविद्यालय और अमेरिकी सरकार के बीच क्या हो रहा है। हमें बताया गया है कि हम अवैध प्रवासी हैं। हमने स्थानीय सांसद और भारतीय दूतावास से संपर्क किया। हम इसके साथ ही मदद के लिए स्थानीय अटॉर्नी से भी मिले लेकिन सभी यह कह रहे हैं कि यह वापस भेजे जाने की प्रक्रिया है। आव्रजन कार्यालय से लोग मेरे कमरे पर आए थे और उन लोगों ने कहा कि उन्हें कॉलेज के बारे में कुछ सूचना चाहिए। जाने से पहले उन लोगों ने हमारी एडि़यों पर कोई फीता लगा दिया और कहा कि यह निगरानी प्रणाली है। नई दिल्ली में दैनिक जागरण ब्यूरो के अनुसार प्रवासी मामलों के मंत्री व्यालार रवि ने अमेरिका से आग्रह किया कि भारतीय छात्रों के साथ नरमी का व्यवहार होना चाहिए क्योंकि वे वीजा धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं। उन्होंने कहा कि फर्जीवाड़े के शिकार भारतीय छात्रों की निगरानी के लिए रेडियो कॉलर के इस्तेमाल की खबरों को लेकर भारतीय दूतावास अमेरिकी विदेश विभाग के संपर्क में है। पिछले दिनों कैलिफोर्निया की एक अदालत में ट्राय वैली विश्वविद्यालय के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और वीजा नियमों के उल्लंघन की शिकायत दर्ज कराई गई थी। इसके बाद हुई कार्रवाई से विश्वविद्यालय के 1555 छात्रों के भविष्य पर खतरे की तलवार लटक रही है। इनमें 95 फीसदी छात्र आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं। अमेरिकी सरकार इन छात्रों के वीजा रद करने की कार्रवाई कर रही है। मामले की जांच कर रही अमेरिकी एजेंसियों का दावा है कि कैलिफोर्निया के इस विश्वविद्यालय में पढ़ाई के लिए वीजा पर आए छात्र अन्य जगहों पर नौकरी करते पाए गए(दैनिक जागरण,दिल्ली,30.1.11)।
भारत ने अमेरिका के कैलिफोर्निया के एक विश्वविद्यालय में भारतीय छात्रों पर रेडियो कॉलर लगाने की घटना को अनुचित बताते हुए इसे हटाने की मांग की है। सरकार ने कहा कि वह कैलिफोर्निया स्थित ट्राई वैली विश्वविद्यालय (टीवीयू) के भारतीय छात्रों के खिलाफ संघीय अधिकारियों की कार्रवाई के प्रभाव पर गंभीर रूप से चिंतित है।
भारत ने अमेरिका के कैलिफोर्निया के एक विश्वविद्यालय में भारतीय छात्रों पर रेडियो कॉलर लगाने की घटना को अनुचित बताते हुए इसे हटाने की मांग की है। सरकार ने कहा कि वह कैलिफोर्निया स्थित ट्राई वैली विश्वविद्यालय (टीवीयू) के भारतीय छात्रों के खिलाफ संघीय अधिकारियों की कार्रवाई के प्रभाव पर गंभीर रूप से चिंतित है।
विदेश मंत्रालय के एक वक्तव्य में कहा गया है कि हमने अमेरिकी अधिकारियों को बता दिया है कि छात्रों के साथ अच्छा व्यवहार होना चाहिए और छात्रों के एक समूह पर मॉनिटर का इस्तेमाल किया जाना, जिन्हें अमेरिकी कानून के तहत हिरासत में लेकर बाद में मॉनिटर लगाए हुए रिहा किया गया, अनुचित था और इसे हटाया जाना चाहिए।
विदेश मंत्रालय ने भारत स्थित अमेरिकी दूतावास के उप प्रमुख डोनाल्ड लियू को बुला कर उनसे कहा कि छात्रों के साथ अच्छा व्यवहार होना चाहिए और उन्हें उनकी स्थिति को स्पष्ट करने के लिए पर्याप्त मौका दिया जाना चाहिए।
इसमें कहा गया है कि विश्वविद्यालय के बहुत से छात्रों ने दूसरे विश्वविद्यालयों से स्थानांतरण लिया था। लगभग 100 छात्रों ने भारत में अमेरिकी दूतावास से वीजा लिया था और अमेरिका में बहुत से छात्रों ने अपने साथी पर निर्भर रहने वाले के तौर पर विश्वविद्यालय में आवश्यक औपचारिकताओं के बाद पंजीकरण कराया था।
वक्तव्य के मुताबिक, छात्रों को अपनी स्थिति स्पष्ट करने और अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए मौका दिया जाना चाहिए और जो छात्र भारत लौटना चाहते हैं, उन्हें इसके लिए स्वेच्छा से अनुमति दी जानी चाहिए।
इसके अनुसार, और जिन छात्रों ने किसी तरह के वीजा या आव्रजन नियम का उल्लंघन नहीं किया है, उन्हें अपने स्तर को ठीक करने के लिए मौका दिया जाना चाहिए। जो छात्र दूसरे विश्वविद्यालयों में स्थानांतरण के लिए योग्य हैं, उन्हें इसके लिए पर्याप्त मौके और समय दिया जाना चाहिए।
इसमें कहा गया है कि सैनफ्रांसिस्को स्थित महावाणिज्य दूतावास और विदेश मंत्रालय भारत के छात्रों और अमेरिकी अधिकारियों के संपर्क में हैं। वक्तव्य के मुताबिक, भारत ने अमेरिका सरकार से कहा है कि वह प्रभावित छात्रों की पूरी जानकारी दे(हिंदुस्तान,30.1.11)।
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