झारखंड मुक्ति मोर्चा के घाटशिला विधायक रामदास सोरेन द्वारा संथाली को द्वितीय राजभाषा बनाने को शुरू की गयी पहल रंग लाने लगी है। इसी क्रम में सोमवार को विधानसभा में संथाली को द्वितीय राजभाषा का दर्जा देने के बावत विधायक रामदास द्वारा उठाए गये सवाल पर मानव संसाधन मंत्री बैद्यनाथ राम ने आगामी बजट सत्र के दौरान विधेयक लाने की घोषणा की। जिस पर सदन में उपस्थित सभी झामुमो विधायकों ने घोषणा के स्वागत में मेज थपथपा कर हर्ष व्यक्त किया। इससे पूर्व विधायक द्वारा सदन में सवाल उठाया गया कि सरकार संथाली को द्वितीय राजभाषा का दर्जा कब तक दे रही है। इस सवाल का जबाब देते हुए मानव संसाधन मंत्री बैद्यनाथ राम ने जानकारी दी कि झारखंड राज्य भाषा विधेयक तैयार करने का प्रक्रियाधीन है। इससे विधायक संतुष्ट नहीं हुए और माननीय अध्यक्ष के माध्यम से मंत्री से समय स्पष्ट करने का आग्रह किया। जिस पर मंत्री बैद्यनाथ राम ने सदन में ही घोषणा की कि संथाली को द्वितीय राजभाषा बनाने के लिए आगामी बजट सत्र में विधेयक लाया जायेगा। बता दें कि विधायक बननेके बाद से ही रामदास सोरेन संथाली को द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिए जाने को लेकर गंभीर है। इस मुद्दे को विधायक ने इससे पूर्व भी सदन में कई बार उठाया। विधायक के सवाल पर ही पिछले सत्र में सरकार ने लिखित रूप से जवाब देते हुए बताया था कि इस मामले पर सरकार गंभीर है। झारखंड राज्य भाषा विधेयक तैयार करने का कार्य प्रक्रियाधीन है। उसके वर्तमान सत्र में भी विधायक ने मुद्दा उठाकर संथाली के द्वितीय राजभाषा बनने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है(दैनिक जागरण,मुसाबनी-जमशेदपुर,5.1.11)।
संथाली एक समृद्ध भाषा है!
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