प्रदेश के सरकारी स्कूलों का शिक्षा स्तर व शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए डीजीएसई ने सभी जिलों के डीईओ व प्रिंसिपलों विशेष निर्देश दिए हैं। पिछले माह डीजीएसई कृष्ण कुमार ने जिले भर के स्कूलों का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान डीजीएसई को जिले के स्कूलों में टीचरों की अनुपस्थिति, इन्फ्रास्ट्रकचर, बच्चों की गिनती, लाइब्रेरी व कंप्यूटर लैब में कई खामियां मिली थीं। इस पर डीजीएसई ने सभी जिलों के प्रमुखों की क्लास लगा उन्हें सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाने की चेतावनी भी दी थी।
स्कूलों के गिरते स्तर को देखते हुए डीजीएसई कृष्ण कुमार ने जिलों के डीईओ व डीएसएस को एक जनवरी को विशेष निर्देश जारी किए हैं। इसमें सभी स्कूलों की रेगुलर जांच के आदेश दिए गए हैं। इसमें जांच के लिए डीईओ हरभजन राम व जिला साइंस सुपरवाइजर शशि त्रेहन की ड्यूटी लगाई गई है। जिला साइंस सुपरवाइजर शशि त्रेहण ने बताया कि हर रोज जिले के विभिन्न सरकारी सेकेंडरी, हाई व प्राइमरी स्कूलों की चेकिंग की जा रही है। डीएसएस की टीम में विभिन्न विषयों के एक्सपर्ट भी होते हैं जो स्कूलों में जाकर बच्चों का मौके पर ही टेस्ट लेते हैं। स्कूलों के रजिस्ट्ररों की चेकिंग व टीचरों व बच्चों की उपस्थिति चेक की जाती है और लंबी छुट्टी व अनुपस्थित टीचरों का स्पष्टीकरण भी मांगा जा रहा है।
जिला साइंस सुपरवाइजर डा. शशि त्रेहन एक जनवरी से अब तक 14 स्कूलों की जांच कर चुके हैं, इसमें 13 औचक व एक वार्षिक चेकिंग शामिल है। चेकिंग में बच्चों के शिक्षा स्तर में कमी पाई गई है। औचक टीम के सांइस मास्टर सुखदर्शन सिंह ने बताया कि साइंस की चेकिंग के दौरान बच्चों की प्रेक्टिकल की कापियां भी चेक की जा रही हैं और देखा जा रहा है कि अध्यापक द्वारा बच्चे को प्रेक्टिकल तो करवाए जाते हैं, लेकिन वह इसका परिणाम नहीं लिखते हैं। इससे बच्चों को केवल चित्र ही समझ आता है। इससे बच्चों में साइंस में रुचि कम हो रही है।
इंग्लिश व हिस्ट्री के माहिर खुशमिंदर सिंह ने बताया कि चेकिंग के दौरान पाया गया कि टीचर बच्चों की इंग्लिश में गलतियां कम निकालते हैं और इंग्लिश का फारमेट भी पुराना दोहराया जा रहा है, जबकि विभाग द्वारा सीबीएसई का नया फारमेट दो वर्ष से जारी किया जा चुका है(बिदु उप्पल,दैनिक जागरण,लुधियाना,5.1.11)।
कृष्ण कुमार जी बहुत ही ईमानदार और कर्मनिष्ठ इन्सान है लेकिन पंजाब के बिगडे हुये अध्यापको को रास्ते पर लाना बहुत मुश्किल काम है। उन्होंने कई सुधार किये हैं। खैर उनसे बहुत ऊमीदें हैं।
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