ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन देश के टॉप 50 मैनेजमेंट कॉलेजों में एडमिशन लेने के लिए मैट आयोजित करता है। इसे कैट की तरह ही टफ माना जाता है। देशभर से 50 हजार और शहर से करीब दो हजार स्टूडेंट्स इसमें सम्मिलित होते हैं।
सवाल यह उठता है कि इतनी महत्वपूर्ण परीक्षा को व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) कैसे भूल गया। इस बारे में व्यापमं अधिकारियों का कहना है हम जल्दी परीक्षा कराना चाहते हैं, इसलिए मैट पर ध्यान नहीं दे पाए।
उम्मीद है व्यापमं परीक्षा की तारीख एक हफ्ते बढ़ा देगा।
मैट पहले एमपीएमईटी बाद में
परीक्षाएं देने वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स का पहला टारगेट मैट है लेकिन ऑप्शन के तौर पर एमईटी दे रहे हैं। मैट के परिणामों के बाद वे कॉलेज तय करेंगे। मैट देने वाले स्टूडेंट्स को एक फायदा यह भी है कि एमईटी में कम नंबर होने पर वे मैट द्वारा प्रदेश के अच्छे कॉलेजों में भी एडमिशन ले सकते हैं। इसमें यूनिवर्सिटी के टॉप मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट आईएमएस मंे भी सीटें रिजर्व रहती हैं।
18 हजार देंगे एमईटी
इस बार करीब 18 हजार स्टूडेंट्स एमपीएमईटी देंगे। इसमें से ज्यादातर मैट भी देंगे। स्टूडेंट जूही मनवानी का कहना है काफी पहले से मैट से देश के अच्छे बी-स्कूल में एडमिशन लेने का मन बनाया है। इसमें यदि अच्छा स्कोर नहीं आता तो एमईटी के जरिये प्रदेश के ही किसी अच्छे कॉलेज में एडमिशन लेना चाहूंगी। इसी तरह शहर के हजारों स्टूडेंट्स अच्छे कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए दोनों परीक्षाओं मंे सम्मिलित होंगे।
परीक्षा में समय है, तारीख बढ़ा देंगे
मेट के कारण एमईटी को आगे बढ़ाने को लेकर व्यापमं प्रशासन जल्द मीटिंग करेगा। चूंकि अभी परीक्षा में काफी समय है इसलिए सोच-समझकर नई तारीख घोषित की जाएगी। स्टूडेंट्स चिंता न करें, उनके हित में ही निर्णय होगा।
सुनील श्रीवास्तव,पीआरओ,व्यापमं(गजेन्द्र विश्वकर्मा,दैनिक भास्कर,इन्दौर,10.1.11)
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