हिमाचल प्रदेश के स्कूलों और डिग्री कालेजों में अब मुन्नी बदनाम हुई व शीला की जवानी जैसे फिल्मी गाने सुनाई नहीं देंगे। शिक्षण संस्थानों में अब देशभक्ति, देशप्रेम व प्रदेश की संस्कृति को दर्शाने वाले गाने ही गूंजेंगे। राज्य के शिक्षा विभाग ने स्कूल-कालेजों में अश्लील और फूहड़ गाने बजाने पर रोक लगा दी है। विद्यालय प्रबंधकों को जारी आदेश में में कहा गया है कि निर्देश का उल्लंघन करने पर संबंधित प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों तथा महाविद्यालयों के प्रशासन को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। निर्देश के अनुसार, स्कूलों व महाविद्यालयों में होने वाले वार्षिक कार्यक्रमों व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों में फिल्मी गाने नहीं बजेंगे। विभाग ने सभी स्कूलों व महाविद्यालयों को अधिसूचना जारी की है कि अब ऐसे गाने ही बजाए जाएं जिनसे देशभक्ति व देशप्रेम की भावना उजागर हो और प्रदेश की संस्कृति की झलक दिखे। समारोहों में राष्ट्रीय गान व राष्ट्रीय गीतों को महत्व दिया जाए ताकि युवाओं में राष्ट्रभक्ति की भावना बढ़ाई जा सके। विभाग के अनुसार शिक्षण संस्थानों में चरित्र निर्माण की सीख दी जाती है व नैतिक मूल्यों को बनाया जा सकता है। इसलिए स्कूलों व महाविद्यालयों में अब मुन्नी व शीला की जगह मेरा भारत महान ववंदे मातरम जैसे गाने सुनाई देंगे। विभाग के इस फैसले से स्थानीय युवा भी उत्साहित हैं। हमीरपुर निवासी विद्यार्थी रमेश, अनिल, विनय, सीमा, आरती, अंजना, राजकुमार, अजय, संजीव व तमन्ना ने कहा कि फिल्मी गानों पर भले ही नाचने का मन करता हो मगर उनसे वह सुकून नहीं मिलता जो देशभक्ति के गाने सुनने से मिलता है। फिल्मी गानों पर लगी रोक : शिक्षा उपनिदेशक राज्य के शिक्षा उपनिदेशक (सेकेंडरी) आरसी तबयाल ने बताया कि सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों व महाविद्यालयों में फिल्मी गाने बजाए जाने पर रोक लगा दी गई है। जिले के सभी स्कूलों व महाविद्यालयों के प्रशासन को आदेश का पालन करने के लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं। कड़ाई से लागू हो निर्देश : निदेशक शिक्षा विभाग (शिमला) के निदेशक ओपी शर्मा ने बताया कि अधिसूचना जारी होने के बाद जिले के शिक्षा उप निदेशक निर्देश का पालन कड़ाई से लागू करवाएं(अमित शर्मा,दैनिक जागरण,हमीरपुर,राष्ट्रीय संस्करण,10.1.11)।
चलो जी अच्छा किया. फूहड़ता की भी हद होती है आखिर.
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