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21 जनवरी 2011

क्या आप तैयार हैं इंटरव्यू के लिए?

बिना तैयारी न आप परीक्षा दे सकते हैं और न ही इंटरव्यू। अच्छी तैयारी ही आपके इंटरव्यू का पहला चरण है। इसी तरह इंटरव्यू के बाद प्रिजेंटेशन दूसरा चरण है। दरअसल यही निर्धारित करता है कि आपको रखा जाए या नहीं। इसीलिए जरूरी है कि आप अपने ऊपर और अपने इंटरव्यू पर कड़ी मेहनत करें। आपकी मदद के लिए नीचे दिए जा रहे हैं कुछ टिप्स—
अच्छी तैयारी करें : अच्छी तैयारी कई बातों को दर्शाती है। आपको अपने दिए हुए बायोडाटा यानी जो कंपनी के पास है, उसमें दी गई जानकारी के मुताबिक तैयार होना है। इस बात का ध्यान रखें कि जिस पद के लिए आप इंटरव्यू देने जा रहे हैं उस विषय में जानकारियां हों। हर चीज को बारीकी से अध्ययन करें। बेहतर होगा अगर घर में किसी अनुभवी की सहायता ली जाए। बायोडाटा में जो हॉबी आपने लिखी है वह क्यों लिखी है? इसका सटीक कारण बताएं। क्योंकि हॉबी किसी भी कंपनी के लिए जरिया है अपने कर्मचारी को जानने का। मनोविदों का मानना है अगर इंटरव्यू का एक डेमो घर में ही दिया जाए तो मानसिक दबाव कम होता है। मानसिक दबाव जो कि किसी को भी आसानी से पछाड़ सकता है। अपनी सोच को सकारात्मक ही रखें। इससे आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।


यूनिफॉर्म : इंटरव्यू के दौरान पहला प्रभाव आपकी यूनिफॉर्म से ही पड़ता है। यूनिफॉर्म आपके पूरे व्यक्तित्व का 5 मिनट में कच्चा-चिट्ठा बयान कर सकता है। इसलिए फार्मल यूनिफार्म को ही प्राथमिकता दें। लेकिन यूनिफॉर्म सिर्फ आपके कपड़े को ही नहीं दर्शाता। इसमें सिर से लेकर पांव तक हर चीज शामिल होती है। अपने बालों को साफ रखें। खासतौर पर लड़कियां इंटरव्यू के दौरान अपनी लटों को संभाल कर रखें। क्योंकि बिखरे बाल आपको लापरवाह घोषित कर सकते हैं। जूतें और नाखूनों पर भी विशेष ध्यान दे। नाखूनों को कटा हुआ और जूतों को पोलिश रखें। इस बात का भी ख्याल रखें कि किस पद के लिए इंटरव्यू देने जा रहे हैं। उसी के अनुसार कपड़ों का चयन करें। महिलाएं गहने पहनकर न जाएं तथा ज्यादा सजे-संवरें भी न। परफ्यूम भी अगर नहीं लगाएंगे तो यह अच्छा रहेगा। अगर लगाना चाहते हैं तो कम लगाएं उसमें नहाकर न जाएं।
आप इंटरव्यू के लिए ऑफिस में लगभग 15-20 मिनट पहले पहुंचें। क्योंकि इससे आपमें काम के प्रति लगन दिखेगी । अपने तमाम डॉक्यूमेंट की फाइल को संभाल कर रखें। बायोडाटा, फोटोग्राफ, प्रमाण पत्र आदि को इस तरह सीक्वेंस में रखें ताकि प्रजेंटेशन के दौरान मांगे जाने पर आपको ढूंढऩा न पड़े। सबसे अहम बात यह कि वहां रहकर पैनिक न हों। अकसर देखा जाता है कि इंटरव्यू के कुछ क्षण पहले ही लोग अपना आत्मविश्वास खो देते हैं। इंटरव्यू रूम में जाने से पहले एक बार अपने आपको बाथरूम में जाकर आईने में जरूर देख लें ताकि कोई कमी लगे तो उसको ठीक कर सकें।

प्रजेंटेशन : यह वह क्षण है जब पता चल जाता है कि आप कितने उपयुक्त हैं मौजूदा पद के लिए। रूम के अंदर घुसने से पहले ‘मे आई कम इन’ या ‘क्या मैं अंदर आ सकता हूं?’ पूछना न भूलें। समयानुसार अभिवादन जरूर करें। अगर आप इंटरव्यूअर से हाथ मिलाते हैं तो इसे जरा सोच समझकर मिलाना। क्योंकि हल्के से हाथ मिलाना आपको लापरवाह साबित कर सकता है। अगर इंटरव्यूअर महिला है तो हाथ मिलाने की जल्दबाजी न करें। उन्हीं को पहले हाथ आगे बढ़ाने दें। जब आपको इजाजत दी जाए तभी बैठें। सवाल पूछने के दौरान अपने आंखों का संपर्क बनाए रखें। अपने पोस्चर और जेस्चर पर खासा ध्यान दें। बिना मतलब हाथ हिला डुलाकर बात करने से आपका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। जितना पूछा जाए उतना ही जवाब दें। अतिरिक्त बातें आपके लिए नुकसानदेय होती हैं। जिस सवाल का जवाब न जानते हों तो दिखावे के लिए कोशिश न करें। साफ-साफ बता दें कि ‘मैं नहीं जानता’। इससे उनको पता चल जाएगा कि आप सच कहते हैं और बेहद सच्चे इनसान भी हैं। इंटरव्यू के दौरान आपके उच्चारण का खासा महत्व होता है। इसीलिए जो शब्द न बोल पाएं उसका इस्तेमाल न करें। अपनी निजी समस्याओं का उल्लेख न करें। आप ये नौकरी क्यों करना चाहते हैं या फिर पिछली जॉब क्यों छोड़ रहे हैं? इस प्रकार के सवालों के लिए पारिवारिक समस्याओं को न बताएं। बेहतर होगा कोई व्यावहारिक कारण ही दें।



इंटरव्यू रूम छोड़ते वक्त : इंटरव्यू खत्म होने के तुरंत बाद न उठ जाएं वरन पूछ लें कि क्या ‘मैं अब जा सकता हूं’ इससे आपकी विनम्रता का पता चलता है। जाने से पहले निश्चित कर लें कि आपकी तनख्वाह क्या होगी। इसको भी जान लें कि आपको काम करना क्या है। इस बात का आश्वासन भी दें कि काम को आप उनकी उम्मीद से ज्यादा करके दिखाएंगे। किसी भी तरह का सवाल या ऑफिस के प्रति कोई संदेह हो तो पूछ लेना ही सही होता है। अगर आपने शुरुआत में हाथ मिलाया हो तो अंत में हाथ मिलाना न भूलें।
अनावश्यक किसी से बात न करें : इंटरव्यू खत्म होते ही अच्छा होगा कि आप सीधे घर जाएं। किसी से बातें करके कंपनी के बारे में जानकारी लेना जासूसी कहलाता है। ऐसा आप इंटरव्यू के पहले कर सकते हैं। किसी कर्मचारी को अपने गुणों का बखान करने की जरूरत नहीं है। अगर आप कंपनी में काम करने के लिए चुने जाएंगे तो निस्संदेह आपके गुण वो खुद-ब-खुद जान जाएंगे। रिसेप्शनिस्ट से वही जानकारी लें जितनी जरूरत हो। ज्यादा बातें करने से हाथ आयी हुई बाजी हार में बदल सकती है।
अंतत: आप ये कह सकते हैं कि इंटरव्यू रूम के अंदर घुसने तक आप अपने आपको 85 फीसदी तक मौजूदा पद के लिए परफेक्ट साबित कर सकते हैं। लेकिन उपर्युक्त तमाम बातों को अपने अंदर ढाल लें। आपका एक अच्छा इंटरव्यू अच्छे करिअर की शुरुआत होती है। कोशिश करें नकारात्मक भाव कभी आपके दिमाग में न लाएं। तभी आपको जिंदगी में किसी भी तरह के इंटरव्यू में कोई परेशानी नहीं आएगी। अच्छा इंटरव्यू ही अच्छे करिअर की शुरुआत करता है(नरेन्द्र कुमार,दैनिक ट्रिब्यून,19.1.11)।

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