अकादमिक और इंडस्ट्री की जरूरत के बीच का फासला अब धीरे-धीरे कम हो रहा है। बिजनेस की पेचीदगियों से मैनेजमेंट का स्वरूप भी बदला है। इन बदलावों के चलते मैनेजमेंट शिक्षा में भी कई तब्दीलियां हुई हैं। इंडस्ट्री की बदलती मांग के मद्देनजर देश के उच्च शिक्षण संस्थानों ने अच्छे मानव संसाधन प्रशिक्षण प्राप्त पेशेवर उपलब्ध कराए हैं। पिछले डेढ़ दशक में अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश की दुनिया में प्रतिबंधों में काफी कमी आई है, जिसके कारण अब तमाम देशों में आपसी निर्भरता बढ़ी है। आज नियोक्ता ऐसे पेशेवर लोगों की तलाश में रहते हैं, जो न सिर्फ आज के तीव्र वैश्विक प्रतियोगी दौर के अनुरूप हों, बल्कि बदलते जमाने के साथ अपनी स्किल्स भी अपडेट करते हों और बिजनेस की नई रणनीतियों को समझते हों। यही वजह है कि फ्रेश ग्रेजुएट्स और कार्यरत लोगों में मैजेनमेंट के अलावा अन्य विषयों की जानकारी होने की भी अपेक्षा की जाने लगी है। वर्तमान कॉरपोरेट वर्ल्ड में कंपनियां आपकी तरक्की आपके प्रदर्शन के आधार पर ही तय करती हैं।
अच्छे मैनेजमेंट प्रोफेशन्ल की बढ़ती मांग को देखते हुए इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी ने 1984 में आईएमटी - सेंटर फॉर डिस्टेंस लर्निंग की शुरुआत की। आज आईएमटी- सीडीएल डिस्टेंस मोड से मैनेजमेंट की शिक्षा दे रहे अग्रणी संस्थानों में से एक है। संस्थान देश-विदेश में कई तरह के उच्च स्तरीय मैनेजमेंट कोर्स संचालित कर रहा है। देश-विदेश से यहां पढ़ाने के लिए आने वाली अनुभवी फैकल्टी विश्व भर से आने वाले छात्रों को उनके जरूरत के मुताबिक शिक्षा देती है। छात्रों को प्रोफेशनल ज्ञान देने के लिए संस्थान ने इंडस्ट्री में कई कंपनियों के साथ अनुबंध भी किया है। इसके अलावा शैक्षिक क्षेत्र में इंस्टीट्यूट की साझेदारी सरकारी से लेकर निजी और आईटी से लेकर बैंकिंग कंपनियों के साथ है(डॉ. ए. एम. शेरी,अमर उजाला,28.12.2010)।
अच्छी सलाह।
जवाब देंहटाएंअच्छे और सच्चे समाचार हम पाठकों तक पहुँचाने के लिए धन्यवाद!
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