केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल के प्रस्ताव पर राज्य के शिक्षा मंत्री वैद्यनाथ राम सहमत नहीं हैं। राम का कहना है कि राज्य सरकार स्कूलों में वोकेशनल शिक्षा शुरू नहीं कर पाएगी। सिब्बल ने प्रस्ताव दिया था कि स्कूलों से ही बच्चों को व्यावसायिक शिक्षा मिलनी चाहिए। अधिकतर राज्यों ने इस प्रस्ताव पर सहमति दी है, पर वैद्यनाथ राम का कहना है कि झारखंड की स्थिति अलग है।
नेशनल वोकेशनल एजुकेशन क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क पर दिल्ली में हुए सम्मेलन में शिक्षा मंत्री ने केंद्र से वित्तीय व तकनीकी मदद मांगी है। राम ने कहा कि वे ट्रेनरों को हायर करेंगे। विभिन्न इंडस्ट्री में काम करनेवाले दक्ष लोगों का एक पैनल बनाया जाएगा। राज्य सरकार उन्हें अनुबंध पर रखेगी। कपिल सिब्बल ने राम को विश्वास दिलाया कि केंद्र झारखंड को पैसे की कमी नहीं होने देगा। सम्मेलन में शिक्षा सचिव मृदुला सिन्हा ने भी बातें रखीं।
कहां-कहां है बाधा
सभी स्कूलों में पर्याप्त संख्या में शिक्षक नहीं।
व्यावसायिक शिक्षा के प्रशिक्षकों का अभाव।
वोकेशनल ट्रेनर की नियुक्ति में लगेगा वक्त।
ट्रेनरों पर होनेवाले खर्च पर सरकार चिंतित।
क्या होगा लाभ
आठवीं कक्षा से ही होगी व्यावसायिक पढ़ाई।
सर्टिफिकेट कोर्स करने की इच्छा रखने वालों का नामांकन डिप्लोमा कोर्स में सीधे होगा।
सर्टिफिकेट कोर्स के बाद कर सकते हैं नौकरी।
वोकेशनल कोर्स में नामांकन के लिए विज्ञान, कामर्स की अनिवार्यता अब खत्म होगी(दैनिक भास्कर,रांची,22.1.11)।
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