अमेरिकी राज्य कैलीफोर्निया की ट्राई वैली यूनिवर्सिटी द्वारा ठगे गए भारतीय छात्र शायद ही वहां पढ़ाई पूरी कर पाएं। कई अन्य विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए दरवाजा खटखटाने वाले छात्रों को निराशा ही हाथ लगी है। इससे उनकी भविष्य संकट में नजर आ रहा है। तमाम पीड़ित छात्रों के सामने अब स्वदेश वापस लौटने का ही विकल्प बचा है।
छात्रों को जमानत के लिए भी हजारों डॉलर चुकाने पड़े
ट्राई वैली के पिछले हफ्ते बंद हो जाने से विवि के करीब 1500 छात्र भटक रहे हैं। उन पर वीजा फ्राड और आव्रजन नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है। जांच में देरी से उनके पास अन्य विश्वविद्यालयों में दाखिला लेने का वक्त बेहद कम रह गया है। संघीय जांचकर्ता अभी भी तमाम भारतीय छात्रों से पूछताछ कर रहे हैं। छात्रों को बेहद कड़ी निगरानी में रखा गया है। अमेरिकी तेलगू एसोसिएशन के सदस्य राम मोहन कोंडा ने कहा कि पीड़ित छात्रों को पता नहीं है कि वे कहां जाएं। जमानत का बांड भरने के लिए उनसे हजारों डॉलर भी मांगे गए। कोंडा ने कहा कि भारतीय छात्रों को अगर जल्द से जल्द दूसरे विश्वविद्यालयों में दाखिला नहीं मिला तो उनका वीजा भी खतरे में पड़ जाएगा।
जरूरी जानकारी ब्लाक होने से नहीं मिल पा रहा दाखिला
उन्होंने कहा कि स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर इनफारमेशन सिस्टम (सेवीस) के ब्लाक होने से छात्रों को कहीं और दाखिला नहीं मिल पा रहा है। दूसरे विवि में कक्षाएं भी शुरू हो चुकी हैं। कोंडा के मुताबिक अगर जांच एजेंसियों ने तत्परता से कार्रवाई नहीं की तो छात्रों को या तो स्वेच्छा से घर लौटना पड़ेगा या उन्हें प्रत्यर्पित कर दिया जाएगा। टेक्सास के एक अटार्नी राज अकुला ने कहा कि उनकी जानकारी में करीब 20 छात्र हैं जो अमेरिकी जांच एजेंसियों की हिरासत में रहे हैं। इनंमें से कुछ को तो छोड़ दिया गया है और कुछ अभी भी हिरासत में हैं। ये छात्र ओहियो, इलिनायस, वाशिंगटन और पेनिनसिल्वेनिया में हैं। उन्होंने बताया कि एक भारतीय छात्र को तो 22,000 डॉलर का बांड भरने के बाद जमानत पर छोड़ा गया(अमर उजाला,30.1.11 में वाशिंगटन से रिपोर्ट)।
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