नर्सरी में अपने बच्चे का एडमिशन करवाने के लिए पिछले एक महीने से भागदौड़ कर रहे पैरंट्स का इंतजार अब खत्म होने वाला है। स्कूलों ने एडमिशन लिस्ट जारी करना शुरू कर दिया है और अधिकतर स्कूल पहली फरवरी को एडमिशन के साथ-साथ वेटिंग लिस्ट भी जारी करेंगे। भूपेंद्र की स्पेशल रिपोर्ट :
जिन स्कूलों ने अपनी एडमिशन लिस्ट जारी की है, उन्हें लेकर पैरंट्स ने कई सवाल उठाए हैं। इस बार जहां स्कूलों के एडमिशन क्राइटेरिया पर सबसे ज्यादा विवाद हुआ है, वहीं अब जनरल कैटिगरी की कुछ सीटों के लिए स्कूल ड्रॉ निकाल रहे हैं। पैरंट्स का कहना है कि यह सबकुछ उन्हें बुलाए बिना हो रहा है, जबकि स्कूल का कहना है कि पैरंट्स टीचर्स असोसिएशन के प्रतिनिधियों को शामिल करके ड्रॉ हो रहा है। बहरहाल, अब पैरंट्स की निगाह 1 फरवरी पर है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस लिस्ट में हजारों पैरंट्स की उम्मीद टूटेगी, लेकिन ऐसे पैरंट्स भी होंगे, जो लिस्ट आने के बाद स्कूल चॉइस के झमेले में फंस जाएंगे, क्योंकि उनके बच्चे का नाम एक से ज्यादा स्कूलों की लिस्ट में भी होगा। एक्सपर्ट्स यह भी मानते हैं कि बड़े नाम के चक्कर में अपने बच्चे की परेशानियों को न भूलें। अपने बच्चे को घर से दूर वाले स्कूल में एडमिशन कराने से बच्चे को ज्यादा दिक्कतें झेलनी पड़ेंगी।
डिस्टेंस फैक्टर का ध्यान रखें
पैरंट्स इस बात का जरूर ध्यान रखें कि स्कूल से घर की दूरी बहुत ज्यादा न हो। प्राइवेट स्कूलों की संस्था नैशनल प्रोग्रेसिव स्कूल कांफ्रेंस के पूर्व चेयरमैन एस. एल. जैन का कहना है कि स्कूल का चयन करते समय ट्रांसपोर्ट फैसिलिटी पर भी ध्यान दें। स्कूल के आसपास का माहौल कैसा है, इस पर भी ध्यान देना चाहिए। स्कूल की सुविधाओं को भी देखना चाहिए। अगर बच्चे को स्कूल आने- जाने में ही कई घंटे लग जाते हैं तो इससे बच्चे पर बुरा असर पड़ेगा। स्कूल को चुनते समय सारी परिस्थितियों पर गौर करना चाहिए।
निराश न हों
अगर फर्स्ट लिस्ट में आपके बच्चे का नाम नहीं आता तो घबराने की जरूरत नहीं है। स्कूल फर्स्ट लिस्ट जारी करते हैं, लेकिन इस लिस्ट में सभी सीटें नहीं भरती हैं। ऐसे में स्कूल अगली लिस्ट भी जारी कर सकते हैं। नर्सरी एडमिशन डॉट कॉम के फाउंडर सुमित वोहरा का कहना है कि पिछले कुछ सालों के ट्रेंड बताते हैं कि कुछ लोग कम से कम 10 से 15 स्कूलों में अप्लाई करते हैं और उनके बच्चे का नाम भी कई स्कूलों में आ जाता है। ऐसे में पैरंट्स सभी स्कूलों में अपने बच्चे को एडमिशन नहीं दिलवा सकते। स्कूलों में सेकंड लिस्ट 28 फरवरी तक आनी है। ऐसे में पैरंट्स को निराश नहीं होना चाहिए। बहुत से स्कूलों में सेकंड लिस्ट भी आती है। चूंकि बहुत से पैरंट्स अपने बच्चे का एडमिशन कैंसल करवाते हैं, इसलिए खाली सीटों पर सेकंड लिस्ट जारी होती है। वोहरा का कहना है कि पैरंट्स को कई स्कूलों मंे सीटें ब्लॉक नहीं करनी चाहिए और फीस पर भी ध्यान देना चाहिए। देखने में आया है कि स्कूलों में इस बार फीस रिफंड की पॉलिसी स्पष्ट नहीं है और ऐसा न हो कि आपके हजारों रुपये फंस जाएं।
कल इन स्कूलों की लिस्ट आएगी
डीपीएस, आरकेपुरम
डीपीएस, मथुरा रोड
डीपीएस, रोहिणी
स्प्रिंगडेल्स स्कूल पूसा रोड, कीर्ति नगर
एपीजे स्कूल
बाल भारती पब्लिक स्कूल, रोहिणी
दि बैनयन ट्री स्कूल
डीपीएस, वसंत कुंज
समरफील्ड्स स्कूल
वेंकटेश्वरा इंटरनैशनल स्कूल, द्वारका
कुलाची हंसराज मॉडल स्कूल, अशोक विहार
हंसराज मॉडल स्कूल
संस्कृति स्कूल
अब तक का ट्रेंड
अब तक जिन स्कूलों की लिस्ट आ गई है, उनमें लक्ष्मण पब्लिक स्कूल, बाल भारती पब्लिक स्कूल (जीआरएच मार्ग), इंडियन स्कूल, प्रेजेंटेशन कान्वेंट, टैगोर इंटरनैशनल शामिल है। जो ट्रेंड देखने में आया है, उसके आधार पर कहा जा सकता है कि सिबलिंग व एलुमनी कैटिगरी में आने वाले कैंडिडेट्स के एडमिशन के चांस बेहतर हैं। स्प्रिंगडेल्स स्कूल से मिली जानकारी के मुताबिक डिस्टेंस के पॉइंट के साथ सिबलिंग या एलुमनी के पॉइंट हासिल करने वालों के चांस अच्छे हैं।
ड्रॉ का बवाल
इस बार स्कूलों में जनरल कैटिगरी में भी कुछ सीटों के लिए ड्रॉ हो रहा है, लेकिन पैरंट्स इन ड्रॉ पर सवाल उठा रहे हैं। पैरंट्स का कहना है कि स्कूल ड्रॉ कर रहे हैं, लेकिन उन्हें बुलाया नहीं जा रहा है। दरअसल इस बार जनरल कैटिगरी की सीटें कम हो गई हैं और एक जैसे पॉइंट हासिल करने वालों की तादाद बहुत ज्यादा है। लक्ष्मण पब्लिक स्कूल में तो 65 पॉइंट हासिल करने वाले 1,000 कैंडिडेट थे। इसी तरह से बाल भारती पब्लिक स्कूल में 45 पॉइंट पर 350 से ज्यादा कैंडिडेट थे। स्कूलों ने इसके लिए ड्रॉ किया।(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,31.1.11)
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