हरियाणा में 2003 के बाद नए एचसीएस की नियुक्ति एवं हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) के चेयरमैन को लेकर कशमकश तेज हो गई है। वर्तमान कार्यकारी चेयरमैन आरडी श्योकंद 5 जनवरी को सेवानिवृत हो जाएंगे। एलाइड सहित 184 एचसीएस के लिए 30 तारीख तक इंटरव्यू लेने का काम पूरा हो चुका है। इस संबंध में कार्यकारी अध्यक्ष चार जनवरी को सदस्यों से चर्चा करेंगे।
हरियाणा के राजनीतिक हलकों,सरकारी कार्यालयों, बेरोजगारों की चौपालों जहां देखो वहां हरियाणा लोकसेवा आयोग छाया हुआ है। यहां तक कि विपक्षी दलों ने नए एचसीएस अफसरों की नियुक्ति को लेकर अगुंलियां उठाना शुरू भी कर दिया है। 184 पदों पर नियुक्ति होनी है, इनमें 26 मुख्य पद हैं। 184 के तीन गुणा आवेदक अधिकारी बनने की इंतजार में हैं।
2003 के बाद राज्य में एचसीएस की भर्ती नहीं हुई हालांकि एक बार यह प्रक्रिया हुई लेकिन विवादों में चली गई। लंबे अंतराल के बाद अब आजकल में नए अफसरों का परिणाम आना है। इसके लिए दिल्ली,चंडीगढ़ से लेकर गांव-गुवाड़ तक लोग आस लगाए हुए है। चर्चा यह है कि कार्यकारी अध्यक्ष आरडी श्योकंद 5 जनवरी को सेवानिवृत्त हो रहे हैं,ऐसी स्थिति में वे परिणाम निकाल कर जाएंगे।
बताते हैं कि सूची पूरी तरह से तैयार है,बस कुर्सी पर बैठने वालों के नामों का इंतजार है। राजनेता,अफसर सभी की नजर हैं। इस बार सूची चौंकाने वाली होगी क्योंकि मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा का इसमें हस्तक्षेप नहीं है,योग्यता वाले पद पाने जा रहे हैं और न ही भाई-भतीजावाद की सूचना है। फिर भी सूची पर सबकी नजर है। इनेलो के प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा इस सूची को विवादित एवं भाई-भतीजावाद से भरी बताते हैं।
इसके अलावा आयोग का नया चेयरमैन कौन होगा? यह बड़ा सवाल है। फिलहाल मुख्यमंत्री के प्रिसिंपल ओएसडी एमएस चोपड़ा का नाम लिया जा रहा है। कहीं चर्चा है कि वे इस पद के इच्छुक नहीं है। आयोग में अब 9 सदस्यों की नियुक्ति भी होनी है। इस पर धमाल मचा हुआ है। संबंधित लोग दिल्ली तक जुगाड़ बिठा रहे हैं। वैसे सरल स्वभाव के आरडी श्योकंद ने अपनी तरफ से बेरोजगारों को संतुष्ट करने में कमी नहीं छोड़ी।
कार्यकारी अध्यक्ष आरडी श्योकंद ने भास्कर को बताया कि एचसीएस का परिणाम घोषित करना मेरे अकेले की मर्जी नहीं है,सभी से चर्चा करनी होती है। वे 4जनवरी को इस संबंध में सदस्यों से चर्चा करेंगे क्योंकि 5जनवरी को वे सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे बेरोजगारों की जिज्ञासा जल्द करने के पक्ष में हैं लेकिन यह बड़ा काम होता है,पूरी पारदर्शिता में समय तो लगता है।
(प्रमोद वशिष्ठ,दैनिक भास्कर,चंडीगढ़,4.1.11)
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