जो निजी कॉलेज एडमिशन रद्द होने के बाद भी छात्रों की फीस और दस्तावेज नहीं लौटा रहे हैं, उन्हें 10 हजार रुपए का जुर्माना देना पड़ सकता है। एडमिशन एवं फीस रेग्यूलेटरी कमेटी ने शनिवार को आयोजित एक बैठक में ये निर्णय लिया है।
फीस कमेटी के पास लगातार शिकायतें आ रही हैं कि छात्र द्वारा किसी निजी कॉलेज में एडमिशन रद्द करवाने के बाद भी कॉलेज प्रबंधन उसके मूल दस्तावेज और फीस नहीं लौटा रहे हैं।
कमेटी के पास इस तरह की शिकायतें लगातार आ रही हैं और बीते दो माह में ही ऐसे करीब 50 प्रकरण सामने आए हैं। जिसके बाद कमेटी ने निर्णय लिया है कि ऐसे कॉलेजों को नोटिस देकर 15 दिन का समय दिया जाएगा। यदि फिर भी छात्रों की फीस और दस्तावेज नहीं लौटाए गए, तो कॉलेज को प्रति प्रकरण 10 हजार रुपए का जुर्माना देना होगा।
एक समान होगी फीस
मेडिकल कॉलेजों में राज्य शासन और मैनेजमेंट कोटे की अलग-अलग फीस के मामले में आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कमेटी एक समान फीस तय करेगी। इस तरह के एक प्रकरण में सत्र 2003-04 में प्रदेश के चार कॉलेजों ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी। फैसले के बाद उज्जैन के आरडीगार्डी कॉलेज और इंदौर के मॉडर्न डेंटल कॉलेज ने कमेटी को नोटिस दिया है। कमेटी ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। जल्द की समान फीस तय की जाएगी।
तीन प्रकरणों पर निर्णय
शनिवार की बैठक में कमेटी ने तीन अहम प्रकरणों पर निर्णय लिया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानते हुए मेडिकल कॉलेजों की समान फीस तय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है-सुनील कुमार,ओएसडी,फीस कमेटी
फिर हो सकता है बीएड कॉलेजों का निरीक्षण
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) प्रदेश के ब्लैक लिस्टेड बीएड कॉलेजों का फिर निरीक्षण करवा सकता है। इस सिलसिले में शनिवार को हुई वेस्टर्न रीजनल कमेटी(डब्ल्यूआरसी) की बैठक में गहन विचार-विमर्श हुआ, लेकिन इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई। डब्ल्यूआरसी की बैठक 31 जनवरी तक चलेगी।
मप्र सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने बीएड काउंसिलिंग के पहले कॉलेजों का निरीक्षण कर 37 बीएड कॉलजों को ब्लैक लिस्टेड घोषित किया था। काउंसिलिंग के दौरान सूची में इन कॉलेजों के आगे स्टार लगा दिया गया और कार्रवाई के लिए एनसीटीई को प्रस्ताव भेजा गया था। बाद में कुछ कॉलेजों के आगे से स्टार हटा भी। शनिवार से शुरू हुई डब्ल्यूआरसी की बैठक में ये मसला अहम रहा,साथ ही कई और मामलों पर भी गहन मंथन किया गया।
बताया जा रहा है कि एनसीटीई धारा 17 के तहत इन कॉलेजों का पुन: निरीक्षण करवा सकता है। निरीक्षण में विसंगति मिलने पर कॉलेज की संबद्धता समाप्त हो जाएगी, लेकिन इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई। इधर पूरा दिन बीएड कॉलेज संचालक भी एनसीटीई के चक्कर काटते नजर आए।
इस मामले पर जब एनसीटीई के निदेशक डॉ.एचएस त्रिपाठी से संपर्क किया गया,तो उन्होंने कहा कि ब्लैक लिस्टेड कॉलेजों के मामले में प्रदेश सरकार का प्रस्ताव मिला है, लेकिन पुन:निरीक्षण को लेकर फिलहाल कोई निर्णय नहीं हुआ है। सोमवार तक ही कोई निर्णय लिया जा सकेगा(दैनिक भास्कर,भोपाल ,३०.१.११)।
तीन प्रकरणों पर निर्णय
शनिवार की बैठक में कमेटी ने तीन अहम प्रकरणों पर निर्णय लिया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानते हुए मेडिकल कॉलेजों की समान फीस तय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है-सुनील कुमार,ओएसडी,फीस कमेटी
फिर हो सकता है बीएड कॉलेजों का निरीक्षण
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) प्रदेश के ब्लैक लिस्टेड बीएड कॉलेजों का फिर निरीक्षण करवा सकता है। इस सिलसिले में शनिवार को हुई वेस्टर्न रीजनल कमेटी(डब्ल्यूआरसी) की बैठक में गहन विचार-विमर्श हुआ, लेकिन इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई। डब्ल्यूआरसी की बैठक 31 जनवरी तक चलेगी।
मप्र सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने बीएड काउंसिलिंग के पहले कॉलेजों का निरीक्षण कर 37 बीएड कॉलजों को ब्लैक लिस्टेड घोषित किया था। काउंसिलिंग के दौरान सूची में इन कॉलेजों के आगे स्टार लगा दिया गया और कार्रवाई के लिए एनसीटीई को प्रस्ताव भेजा गया था। बाद में कुछ कॉलेजों के आगे से स्टार हटा भी। शनिवार से शुरू हुई डब्ल्यूआरसी की बैठक में ये मसला अहम रहा,साथ ही कई और मामलों पर भी गहन मंथन किया गया।
बताया जा रहा है कि एनसीटीई धारा 17 के तहत इन कॉलेजों का पुन: निरीक्षण करवा सकता है। निरीक्षण में विसंगति मिलने पर कॉलेज की संबद्धता समाप्त हो जाएगी, लेकिन इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई। इधर पूरा दिन बीएड कॉलेज संचालक भी एनसीटीई के चक्कर काटते नजर आए।
इस मामले पर जब एनसीटीई के निदेशक डॉ.एचएस त्रिपाठी से संपर्क किया गया,तो उन्होंने कहा कि ब्लैक लिस्टेड कॉलेजों के मामले में प्रदेश सरकार का प्रस्ताव मिला है, लेकिन पुन:निरीक्षण को लेकर फिलहाल कोई निर्णय नहीं हुआ है। सोमवार तक ही कोई निर्णय लिया जा सकेगा(दैनिक भास्कर,भोपाल ,३०.१.११)।
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