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12 जनवरी 2011

राजस्थानःशिक्षा और रोज़गार समाचार


राजस्थान लोक सेवा आयोगःकेंद्रीयकृत मूल्यांकन व्यवस्था शुरू
राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित की जा रही राजस्थान राज्य एवं प्रशासनिक सेवा भर्ती 2010 मुख्य परीक्षा गुरूवार को समाप्त हो जाएगी। आयोग ने परिणाम शीघ्र जारी करने के लिए केंद्रीयकृत मूल्यांकन शुरू कर दिया है।
आयोग के अनुसार परीक्षा 13 जनवरी को समाप्त होगी। परिणाम जारी करने के लिए पहली बार केंद्रीयकृत मूल्यांकन व्यवस्था शुरू की गई है। इसके तहत विशेषज्ञों को एक साथ बैठा कर मूल्यांकन कराया जा रहा है(राजस्थान पत्रिका,अजमेर,12.1.11)।

रेलवे में नौकरी के लिए पांच हजार बेकरार
रेवाड़ी-बड़ौदा डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर निर्माण के लिए जमीन दे रहे हजारों परिवारों को रेलवे से नौकरी मिलने का इंतजार है। रेलवे बोर्ड ने खातेदार परिवार में से एक व्यक्ति को नौकरी देने के आदेश तो जारी कर दिए लेकिन गाइड लाइन जारी नहीं की। इससे जमीन और मकान दे रहे लोग परेशान हैं।
उत्तर-पश्चिम रेलवे में कॉरीडोर रेवाड़ी से मदार और मदार से बनासकाठा दो खंड में है। रेवाड़ी से मदार के बीच कॉरीडोर के 274 किलोमीटर लंबे टै्रक के लिए एक हजार 63 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। करीब तीन हजार से ज्यादा खातेदार परिवारों में जमीन में 13 हजार 153 सह खातेदार हैं।
इसी प्रकार मदार से बनासकाठा तक 361 किलोमीटर लंबे कॉरीडोर के टै्रक के लिए एक हजार 50 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। अजमेर में करीब एक हजार 830, पाली में पांच हजार 814, सिरोही में एक हजार 930 और बनासकाठा में एक हजार 151 खातेदारों की जमीन का अधिग्रहण किया जाना है।
कॉरीडोर के अफसरों की ओर से लगाए अनुमान के मुताबिक चारों जिलों में कुल खातेदार परिवारों की संख्या दो हजार से ज्यादा है। कॉरीडोर के दोनों रेल खंड में 23 हजार 878 खातेदार और पांच हजार से ज्यादा खातेदार परिवार हैं। ऎसे में करीब पांच हजार से ज्यादा लोगों को जमीन और मकान के बदले रेलवे में ग्रुप डी के पद पर नौकरी की आस है। पाली, सिरोही आदि जिलों में कॉरीडोर के लिए जमीन देने वाले खातेदार नौकरी मिलने का इंतजार कर रहे हैं।

पद तो भर गए
खातेदारों का मानना है कि उत्तर-पश्चिम रेलवे सहित सभी रेलवे जोन में ग्रुप डी के खाली पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है। उत्तर-पश्चिम रेलवे में भी ग्रुप डी के खाली पद आगामी पांच छह महीनों में सीधी भर्ती के जरिए भर दिए जाएंगे। ऎसे में कॉरीडोर के लिए जमीन देने वालों के लिए पद स्वीकृत कराने होंगे।



इनका कहना है 
कॉरीडोर के लिए जमीन के बदले नौकरी की गाइड लाइन अभी नहीं आई है। रेलवे में पदों की कमी नहीं है, पद तो मिल जाएंगे। कॉरीडोर के लिए जमीन देने वाले प्रत्येक परिवार को नौकरी मिल जाएगी। 
आर.के.जैन, मुख्य परियोजना प्रबंधक डीएफसीसी(राजस्थान पत्रिका डॉटकॉम,अजमेर,12.1.11)

जयनारायण व्यास विश्वविद्यालयःसेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष करने पर मोहर
जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय अकादमिक परिषद के बाद सिण्डीकेट ने भी कैरियर एडवांसमेंट स्कीम (सीएएस) के तहत शिक्षकों की पदोन्नति एवं खुली चयन प्रक्रिया के लिए ऑर्डिनेंस में संशोधन सम्बन्धी प्रस्तावों को पारित कर दिया। शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 60 से बढ़ाकर 65 वर्ष करने सम्बन्धी प्रस्ताव को सैद्धांतिक तौर पर सशर्त मंजूरी दी गई। कार्यसूची में शामिल 29 में से करीब आधे मुद्दों पर चर्चा के बाद सिण्डीकेट बैठक स्थगित कर दी गई।
विश्वविद्यालय केन्द्रीय कार्यालय में कुलपति प्रो.नवीन माथुर की अध्यक्षता में आयोजित सिण्डीकेट बैठक में सीएएस के तहत शिक्षकों की पदोन्नति एवं चयन प्रक्रिया के लिए ऑर्डिनेंस 317, 317 (4) व 317 (बी) में संशोधन सम्बन्धी दो दिन पहले अकादमिक परिषद में पारित प्रस्तावों पर चर्चा के बाद सिण्डीकेट ने मोहर लगा दी। इसे अब कुलाधिपति को भेजा जाएगा। नकल के मामलों में अनफेयरमीन्स कमेटी की रिपोर्ट मान ली गई।
बजट प्रस्तावों पर चर्चा के दौरान विधायक ओम जोशी ने कहा कि विवि में बजट समय पर तैयार नहीं किया जाता। इस पर वित्तशाखा को आगे से बजट प्रस्ताव समय पर बनाने के निर्देश दिए गए। लेकिन चालू वित्त वर्ष में 1 जुलाई 2010 से 31 मार्च 2011 तक के लिए खर्चो स्वीकृति दी गई। गत वर्ष के आय-व्यय प्रस्तावों पर बाद में चर्चा होगी।

सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने पर सहमति
शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने के लिए लूणी विधायक मलखान सिंह विश्नोई व पूर्व विधायक जुगल काबरा ने पत्र लिखा था। इस पर चर्चा के दौरान डॉ.डीएस खींची, डॉ.चैनाराम चौधरी सहित अन्य सदस्यों ने तर्क दिया कि पांचवें वेतन आयोग के समय ही यूजीसी व मानव संसाधन मंत्रालय के निर्देशानुसार विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु सीमा 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी गई थी। उस वक्त जेएनवीयू में आयु सीमा नहीं बढ़ाई गई।
छठे वेतन आयोग में यूजीसी ने इसे बढ़ाकर 65 वर्ष करने का उल्लेख किया है। अधिकांश सदस्यों की सहमति केबाद सिण्डीकेट ने इस प्रस्ताव को सैद्धांतिक तौर पर स्वीकार कर लिया। इसे अन्तिम मंजूरी के लिए राज्य सरकार को भेजा जाएगा(राजस्थान पत्रिका,जोधपुर,12.1.11)।

शिक्षक पद पर नियुक्ति के लिए खत्म नहीं हो रहा विधवाओं-परित्यक्ताओं का इंतज़ार
शिक्षक पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन कर चुकी करीब बारह हजार विधवा -परित्यक्ताओं का इंतजार एक साल बाद भी खत्म होता नजर नहीं आ रहा। पिछले वर्ष तृतीय श्रेणी शिक्षकों के 698 पदों के लिए आवेदन के बाद प्रारम्भिक शिक्षा में हुए बदलाव का नुकसान उन्हें लम्बे इंतजार के रूप में भुगतना पड़ रहा है। विभाग को पहले चरण में 9104 आवेदन मिले थे। इसके बाद विशेष पिछड़ा वर्ग का एक प्रतिशत आरक्षण शामिल कर दूसरी बार फिर से आवेदन मांगे गए। इस तरह दोनों बार में प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय को बारह हजार से अधिक आवेदन मिले।
इसके बाद निदेशालय ने शैक्षणिक योग्यता के आधार पर इनकी वरीयता सूचियां बना ली। सूची जारी होने से ऎन पहले प्रारम्भिक शिक्षा पंचायतीराज को सौंपने का निर्णय हो गया। साथ ही वित्त विभाग ने 50 हजार शिक्षकों की भर्ती की स्वीकृति भी दे दी, लेकिन पंचायतीराज में विधवा-परित्यक्ताओं के लिए दस प्रतिशत के आरक्षण का प्रावधान नहीं है। बाद में महिलाओं के आरक्षण में से ही इनके कोटे की व्यवस्था की गई। लेकिन राज्य सरकार यह निर्णय नहीं कर पाई है कि आवेदन लेने और वरीयता सूचियां बनाने के बाद प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय इनकी भर्ती करे या किसी अन्य एजेंसी से यह काम कराया जाए।

दो बार मांगे निर्देश
प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय के सूत्रों के अनुसार इस भर्ती के बारे में राज्य सरकार ने दिशा-निर्देश मांगे गए थे। निर्देश नहीं मिलने पर दिसम्बर में एक बार फिर इस बाबत प्रस्ताव भेजे गए, लेकिन सरकार अब तक कोई निर्णय नहीं कर पाई है। उधर, पंचायतीराज के तहत शिक्षक भर्ती के लिए भी अब तक किसी एजेंसी का निर्धारण नहीं हो पाया है(राजस्थान पत्रिका,बीकानेर,12.1.11)।

सक्षम कार्यकर्ताएं आंगनबाड़ी से 62 में रिटायर होंगी
महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं शारीरिक रू प से सक्षम होने पर अब 62 वर्ष की आयु तक सेवाएं दे सकेंगी। विभाग के निदेशक ने इस संबंध में आदेश दिए हैं। विभाग में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लम्बे समय तक सेवाएं देने के बाद उन्हें 58 वर्ष की आयु पूरी करने पर सेवा मुक्त किया जा रहा है। इन महिलाओं की इस पीड़ा को उजागर करते हुए राजस्थान पत्रिका में 24 नवम्बर को 'सेवा का इनाम सेवामुक्ति' शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया गया था।
समाचार प्रकाशित होने के बाद राजस्थान आंगनबाड़ी महिला कर्मचारी संघ की प्रदेशाध्यक्ष शाहिदा खान की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने जयपुर में मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन दिया। ज्ञापन में इन महिलाओं की आयु सीमा बढ़ाकर 62 वर्ष करने की मांग की गई। शाहिदा खान ने बताया कि इस ज्ञापन पर मुख्यमंत्री ने विभाग के निदेशक दिनेश यादव को इस संबंध में निर्देश प्रदान किए। 
सेवामुक्त को वापस बुलाया
विभाग के उप निदेशक वीरेन्द्र चौधरी ने बताया कि निदेशक से प्राप्त निर्देश के बाद सेवा मुक्त की गई करीब एक दर्जन कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को बुलाया गया है। उनके शारीरिक रूप से कार्य करने में सक्षम होने पर उन्हें पुन: सेवा में बहाल करने पर विचार किया जाएगा(राजस्थान पत्रिका,कोटा,12.1.11)।

सेवानिवृत्ति से पहले होगा हिसाब
सूचना एवं जनसम्पर्क व राज्य बीमा मंत्री अशोक बैरवा ने कहा कि कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद अपने ही काम के लिए कभी बीमा विभाग के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इसके लिए उन्हें सेवानिवृत्ति के दिन ही सभी कटौतियों की अथॉरिटी संभला दी जाएगी।
उन्होंने यह जानकारी मंगलवार सुबह सर्किट हाउस में पत्रिका से विशेष भेंट में दी। छीपाबड़ौद रवाना होने से पहले बैरवा ने कहा कि राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग को ऑनलाइन किया जा रहा है। विभाग का पूरा काम सभी के सामने होगा। कर्मचारी की सभी कटौतियों का हिसाब पहले से ही बनाकर तैयार किया जाएगा, सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। बैरवा ने कोटा में बीमा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा किए गए कार्यो की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने कार्यालय समय के अतिरिक्त कार्य किया है। इससे अन्य जिलों के कर्मचारियों को भी कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी।
उन्होंने कहा कि जनसम्पर्क विभाग में स्टिंगरों की स्थायी नियुक्ति के लिए प्रस्ताव भेजे गए हैं। बजट में इसका प्रावधान किया जाएगा, जबकि पूर्व में इन्हें संविदा के आधार पर लगाने की योजना थी। उन्होंने कहा कि विभागों को जो लक्ष्य दिए गए हैं, उन्हें पूरा कराने के प्रयास किए जाएंगे।

कर्मचारियों-अधिकारियों से मुलाकात
सर्किट हाउस में करीब एक घंटे तक बैरवा ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों से मुलाकात की। प्रादेशिक परिवहन अधिकारी बी.एल. मीणा, बीमा विभाग की उपनिदेशक अतिका आजाद व देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त से उन्होंने कई विषयों पर चर्चा की।

समीक्षा बैठक आज
बैरवा बुधवार को दोपहर 12 बजे टैगोर हॉल में राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग कोटा संभाग के अधिकारियों की और दोपहर 3 बजे सूचना केन्द्र में सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग कोटा संभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेंगे। वे रात्रि विश्राम के बाद अगले दिन सुबह 10 बजे जयपुर के लिए प्रस्थान करेंगे(राजस्थान पत्रिका,कोटा,12.1.11)।

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