कॉरपोरेट जगत हो निजी कंपनी या उद्योग, इसे आगे ले जाने के लिए कानून के दांवपेच जानना जरूरी है। इसके लिए देश में जगह-जगह लॉ अधिकारी, विधि विशेषज्ञ और उसके जानकार रखे जाते हैं। लेकिन इस पेशे में आने या इस क्षेत्र में सफलता हासिल करने के लिए अच्छे-खासे हुनर की भी जरूरत पड़ती है। तीन साल की एलएलबी और उच्च स्तर पर एलएलएम की डिग्री होनी चाहिए। इसके साथ ही कानून की धाराएं और उससे जुड़े मामलों का सैद्धांतिक और व्यावहारिक ज्ञान होना जरूरी है।
इस तरह की जरूरतों को देखते हुए ही देश में जगह-जगह लॉ स्कूल और विश्वविद्यालय खोले गए हैं। इनमें दाखिले के लिए अब अलग-अलग टैस्ट देने की बजाय कैट, मैट की तर्ज पर क्लैट शुरू किया गया है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पहल पर तैयार किया गया कॉमन ला एडमिशन टैस्ट अब एक ही प्रवेश परीक्षा के जरिए 11 लॉ यूनिवर्सिटीज में दाखिले का दरवाजा दिखाएगा। इसमें दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो गई है। क्लैट 2011 के आयोजन का जिम्मा प. बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी को दिया गया है।
टैस्ट की रूपरेखा
राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली प्रवेश परीक्षा में 12वीं पास छात्रों के लिए दो घंटे का पेपर होगा। यह दो सौ अंकों और दो सौ सवालों से लैस होगा। इसमें अंग्रेजी कॉम्प्रिहेंशन से जुड़े सवाल 40 अंकों के, सामान्य ज्ञान और करंट अफेयर्स के प्रश्न 50 अंकों के, गणित के प्रश्न 20 अंकों के और लॉजिकल रीजनिंग और लीगल अवेयरनेस के सवाल क्रमश: 45-45 अंकों के होंगे।
अंग्रेजी कॉम्प्रिहेंशन में छात्रों की भाषा और व्याकरण की परख की जाएगी। कॉम्प्रिहेंशन पर आधारित शब्दों के अर्थ और उसके इस्तेमाल के बारे में पूछताछ की जाएगी। खाली जगहों को भरना होगा। वाक्य-विन्यास को सही करना होगा। उपयुक्त शब्दों के चयन से जुड़े सवाल होंगे।
सामान्य ज्ञान या समसामयिक घटनाओं की परख के तहत पिछले एक साल, मई 2010 से 11 तक में मीडिया में चर्चित घटनाओं और उनसे जुड़े प्रसंगों के बारे में ज्ञान की परख की जाएगी। गणित एलिमेंटरी स्तर का होगा, यानी खासकर दसवीं स्तर तक। लीगल एप्टीट्यूड और लीगल अवेयरनेस में छात्रों से लीगल तर्क की समझ की परख की जाएगी। इसमें ज्ञान की बजाय उनकी व्यावहारिक या आधारभूत समझ को देखा जाएगा।
दो वर्षीय एलएलएम में दाखिला पाने के इच्छुक स्नातक पास छात्रों का भी दो घंटे का और दो सौ अंकों का पेपर होगा। इनमें लॉ ऑफ कांट्रेक्ट, लॉ ऑफ टार्ट्स, क्रिमिनल लॉ, संवैधानिक लॉ और लीगल थ्योरी के क्षेत्र से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे। इसमें प्रश्नों की संख्या 102 होगी। दो सवाल विवरणात्मक या निबंध की तरह के होंगे। इसके लिए 50-50 अंक निर्धारित हैं। अन्य सभी वस्तुनिष्ठ 100 सवाल एक एक अंक के निर्धारित हैं।
दाखिला पाने के बाद छात्रों को पांच साल के कोर्स में स्नातक से जुड़े विषय और कानूनी पहलू से जुड़े पेपर के बारे में विशेष रूप से बताया जाएगा। इसे करने के बाद छात्रों को अलग से स्नातक करने की जरूरत नहीं होगी। इसमें एलएलबी और स्नातक, दोनों की डिग्री शामिल है।
दाखिले की योग्यता
पांच वर्षीय एलएलबी में 12वीं पास छात्रों को आर्ट्स, कॉमर्स या साइंस में 50 फीसदी अंकों के साथ उतीर्ण होना अनिवार्य है। इसी तरह दो वर्षीय एलएलएम में एलएलबी 55 फीसदी अंकों के साथ उतीर्ण होना अनिवार्य है। आरक्षित वर्ग के लिए न्यूनतम अंक में 5 फीसदी की छूट है।
दाखिले का कार्यक्रम
पांच वर्षीय एलएलबी के डिग्री कोर्स में दाखिले के लिए आवेदन की अंतिम तारीख 2 अप्रैल रखी गई है। इसके लिए आवेदन फॉर्म संबंधित संस्थान और तय किए गये भारतीय डाकघरों से दिए जा रहे हैं। प्रवेश परीक्षा 15 मई को रखी गई है।
कहां मिलेगा दाखिला
टैस्ट में सफल होने वाले छात्रों को देश की 11 लॉ यूनिवर्सिटीज में दाखिला लेने का मौका मिलेगा। इनमें नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बेंगलुरू, नालसार यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ, हैदराबाद, नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट भोपाल, वेस्ट बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी, कोलकाता, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, जोधपुर, हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, रायपुर, गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी गांधीनगर, राममनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, लखनऊ, राजीव गांधी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, पटियाला, चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी, पटना, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ एडवांस लीगल स्टडीज, कोच्चि शामिल हैं।
11 लॉ यूनिवसिर्टी में दाखिले की प्रक्रिया शुरू
बारहवीं पास छात्रों के लिए पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स
एलएलबी डिग्री धारकों के लिए एलएलएम करने का मौका
(प्रियंका कुमारी,हिंदुस्तान,दिल्ली,12.1.11)
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