देश भर के प्राथमिक स्कू लों को अगले सत्र से पढ़ाई के तौर -तरीके बदलने होंगे। केंद्र सरकार ने राज्यों को पहली से आठवीं तक सतत एवं समग्र मूल्यांक न (सीसीई) प्रणाली लागू करने का निर्देश दिया है । सोमवार को राज्य शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषदों और शिक्षा बोर्डों के साथ बैठक में केंद्र ने दो टूक कहा कि शिक्षा के अधिकार (आरटीई) कानून के तहत आठवीं तक की मौजूदा शिक्षा प्रणाली की जगह सीसीई अपनाना कानूनी अनिवार्यता है । इसलिए कोई भी राज्य इसे लागू करने से बच नहीं सकता। अभी सीसीई सीबीएसई के स्कू लों में लागू है । कें द्रीय विद्यालयों में भी इसे लागू किया जा चुका है । लेकिन इसे लेकर शिकायतें काफी हैं । सीसीई के पीछे सरकार का तर्क है कि इससे बच्चे का पूर्ण विकास होता है तथा लगातार मूल्यांकन किया जाता है । उसे पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भी पारंगत किया जाता है । पढ़ाई के तनाव से मुक्ति मिलती है और सीखने की प्रवृत्ति में इजाफा होता है । बैठक में कुछ राज्यों ने सीसीई को लेकर व्यक्त की जा रही चिंताओं को उठाया। मंत्रालय ने कहा कि आरटीई के तहत सीसीई के क्रि यान्वयन के लिए एनसीईआरटी एक व्यापक मॉडल तैयार करेगा जिसमें मौजूदा चिंताओं का ध्यान रखा जाएगा। माना जा रहा है कि सीसीई के मौजूदा मॉडल को थोड़ा आसान बनाकर इसे स्कू लों में लागू किया जाएगा। बैठ क में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पर भी चर्चा हु ई। लेकि न नोडल एजेंसी एनसीटीई टीईटी का अंतिम प्रारू प पेश नहीं क र पाई। इसलिए यह मामला अब और लंबा खिंचने वाला है। कें द्र सरकार अगस्त में ही शिक्षकों की नियुक्ति के लिए टीईटी अनिवार्य कर चुकी है लेकि न छह महीने बाद भी वह टीईटी का प्रारू प तैयार नहीं क र पाई। इसके चलते सभी राज्यों में शिक्षकों की भर्ती रु की हुई है । बैठक में चौबीस घंटे चलने वाले एक एजुकेशन चैनल शुरू करने का भी निर्णय लिया गया। एनसीईआरटी को इसके लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है तथा इग्नू और एनआईओएस इसमें सहयोग करेंगे। इग्नू के ज्ञान दर्शन चैनल को ही चौबीस घंटे का चैनल बनाया जा सकता है। चैनल 5-18 साल के बच्चों को पढ़ाने के मकसद से शुरू होगा(हिंदुस्तान,दिल्ली,18.1.11)।
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