अगर आप ताड़देव के एनएसएस कॉलेज में पढ़ते हैं और डिग्री की क्लास में लेक्चर अटेंड करने के बजाए कॉफी शॉप में बैठकर टाइम पास कर रहे हैं या चौपाटी किनारे दोस्तों के साथ मौज-मस्ती कर रहे हैं, तो संभल जाइए। एनएसएस कॉलेज अगले एकडमिक ईयर से अटेंडेंस मॉनिटरिंग सिस्टम लागू करने जा रहा है।
इस सिस्टम से रोजाना क्लास बंक करने वाले स्टूडेंट्स के अटेंडेंस का पूरा लेखा-जोखा उनके माता-पिता को सिर्फ एक एसएमएस के जरिए मिल जाएगा। कॉलेज ने सिस्टम के लिए इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर का काम पूरा कर लिया है। सॉफ्टवेयर की सहायता से स्टूडेंट्स के अटेंडेंस का पूरे साल का रेकॉर्ड रखने में आसानी होगी। यह पद्धति शुरू करने वाला एनएसएस कॉलेज संभवत: मुंबई का पहला कॉलेज है। आम तौर पर कॉलेज में स्टूडेंट्स की अटेंडेंस प्रफेसर उनके रोल नंबर से दर्ज करते हैं और जिन बच्चों के अटेंडेंस निर्धारित प्रतिशत से कम होती है उनका नाम ब्लैक लिस्ट में रखा जाता है। इसके बाद इसकी जानकारी उनके पैरेंट्स को दी जाती है। हालांकि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कई बार बच्चों के माता-पिता इसकी प्रमाणिकता पर आशंकित रहते हैं और उनका आरोप होता है कि कॉलेज को इस बारे में पहले जानकारी देनी चाहिए थी। पर अब ऐसा नही होगा।
इस सिस्टम के तहत स्टूडेंट्स को एक आइडेंटिटी स्मार्ट कार्ड दिया जाएगा। जबकि प्रफेसर के पास कार्ड रीडर होगा, जिससे स्मार्ट कार्ड को सामने दिखाने पर संबंधित छात्र की अटेंडेंस दर्ज हो जाएगी। छात्रों को दिए जाने वाले स्मार्ट कार्ड में सिर्फ अटेंडेंस ही नहीं बल्कि छात्रों के एचएससी के पर्सेंट्ज, घर का पता, मोबाइल नंबर आदि जानकारियां होगी और इसका उपयोग अपनी कॉलेज फीस भरने में भी किया जा सकता हैं।
सिस्टम में दर्ज होने वाली इंफार्मेशन को हर दिन डाउनलोड किया जाएगा और एसएमएस के जरिए सभी स्टूडेंट्स के घरवालों के पास भेजा जाएगा। इस तकनीक को समझाने के लिए कॉलेज स्टॉफ को बाकायदा ट्रेनिंग दी जाएगी। कॉलेज में इस सिस्टम को लगाने में करीब ढाई लाख रुपये खर्च होंगे और तीन साल के डिग्री कोर्स के लिए इस आई कार्ड के 300 रुपये चुकाने पड़ेंगे(नवभारत टाइम्स,मुंबई,6.1.11)।
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