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21 जनवरी 2011

गुरु जंभेश्वर विविःदीक्षांत समारोह का सपना चकनाचूर,डाक से भेजी जा रही हैं डिग्रियां

हर विद्यार्थी का सपना होता है वह कन्वोकेशन गाउन पहनकर डिग्री प्राप्त करे और उस गाउन में खिंचवाई गई फोटों को फ्रेम में जड़वाकर ताउम्र सहेज कर रखे। हजारों विद्यार्थियों के इस सपने को गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने चकनाचूर करते हुए डाक से डिग्रियां भेजनी शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार विवि पांच साल बाद 16 फरवरी को दीक्षांत समारोह का आयोजन कर रहा है। इस समारोह की घोषणा होते ही विवि के हजारों पूर्व छात्रों में खुशी की लहर दौड़ गई थी कि उन्हें कन्वोकेशन गाउन पहन कर डिग्रियां प्राप्त करने का मौका मिलेगा।

विवि ने विद्यार्थियों के इस सपने को चकनाचूर करते हुए दीक्षांत समारोह में केवल वर्ष 2009-2010 में उर्तीण हुए विद्यार्थियों को ही डिग्रियां देने का फैसला किया है। वर्ष 2006, 07, 08 व 09 में पास आउट विद्यार्थियों की डिग्रियां विवि ने डाक से भेजनी शुरू कर दी है।

पूर्व विद्यार्थियों की वैल्यू जीरो

पूर्व विद्यार्थी किसी भी संस्थान की शान समझे जाते हैं और उन्हीं के बल पर संस्थान अपनी उपलब्धियों का गुणगान करता है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग भी इस बात पर जोर देता है कि शिक्षण संस्थानों में हर वर्ष पूर्व छात्र मिलन समारोह होने चाहिए। वहीं गुजवि ने केवल वर्ष 2010 में पास आउट हुए विद्यार्थियों को दीक्षांत समारोह का न्यौता देकर सैकड़ों पूर्व विद्यार्थियों की वैल्यू को जीरो कर दिया है। 

इस बार भी टेंट में ही मिलेगी डिग्रियां
वर्ष 2005 में हुए विवि के दीक्षांत समारोह के दौरान मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुडडा ने घोषणा की थी अगला दीक्षांत समारोह टेंट में नहीं बल्कि विवि के अपने आडिटोरियम में होगी। अब वर्ष 2011 में 16 फरवरी को दीक्षांत समारोह का आयोजन किया जा रहा है लेकिन आडिटोरियम का निर्माण कार्य अभी भी अधर में लटका हुआ है। इसके चलते विद्यार्थियों को आडिटोरियम की बजाय शिक्षण खंड एक के बाहर टेंट में ही डिग्रियां मिलेगी।

विवि के रजिस्ट्रार प्रो आरएस जागलान का कहना है कि समय की पाबंदी को देखते हुए समारोह में केवल एक ही साल के विद्यार्थियों को डिग्रियां दी जाएगी। विद्यार्थियों के सपना तोड़ने की बात को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि पांच साल तक के विद्यार्थियों को एक साथ डिग्री देना मुमकिन नहीं है। कार्यकारी परिषद की बैठक में दीक्षांत समारोह हर साल या फिर कम से कम दो साल में एक बार करवाने पर ठोस योजना बनाई जाएगी(संजय योगी,दैनिक जागरण संवाददाता,हिसार,21.1.11)।

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